- रास्ते में रूक गई, दुर्घटना का शिकार बनी तो कौन जिम्मेदार ?
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लमगड़ा, जैंती में मरीजों की सुविधा के लिए दी गई 108 एंबुलेंस सेवा खस्ताहाल बनी हुई है। एंबुलेंस के सभी टायर अत्यंत जर्जर स्थिति में हैं और कभी भी किसी सम्भावित दुर्घटना का कारण बन सकते हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि सीएचसी में दी गई इस एंबुलेंस के सभी टायर वक्त के साथ बेकार हो चुके हैं, लेकिन इन्हें बदलने की जहमत आज तक नही उठाई गई है। यह एंबुलेंस स्वास्थ्य केंद्र तक गर्भवती महिलाओं व अन्य गम्भीर मरीजों को लाने के लिए प्रयोग में लाई जा रही है। यदि किसी मरीज को रेफर करना होता है तब भी 108 सेवा की सबसे पहले जरूरत पड़ती है, लेकिन इस एंबुलेंस की यह दशा है कि यह कभी भी रास्ते में बैठ सकती है अथवा दुर्घटना का शिकार बन सकती है। हालत यह है कि इसके चारों टायर से तार बाहर निकलने लगे हैं और इनको तत्काल बदले जाने की आवश्यता है।
इधर सामाजिक कार्यकर्ता चंदन नगरकोटी ने कहा कि यदि कोई मरीज लमगड़ा या जैंती से इस एंबुलेंस में हल्द्वानी या अल्मोड़ा के लिए रेफर किया जाये तो इस बात की गारंटी नही कि यह जर्जर वाहन उसे समय से गंतव्य तक पहुंचा ही दे। यदि मार्ग में यह एंबुलेंस टायर जवाब देने पर रूक जाये या दुर्घटना का शिकार हो जाये तो इसमें किसकी जवाबदेही होगी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 3 रोज के भीतर एंबुलेंस के टायर बदल इसकी फिटनेस की जांच नही हुई तो वह धरने पर बैठ जायेंगे।