सीएनई रिपोर्टर, सोमेश्वर
ताकुला ब्लाक मुख्यालय को जंगल के बीच से जाने वाले पैदल मार्ग कई जगह खराब हो गया है। जिसमें रपट कर चोटिल होने या लुढ़कने का अंदेशा बढ़ गया है। गौरतलब है कि ताकुला ब्लाक मुख्यालय तक पहुंचने का एकमात्र विकल्प पैदल रास्ता ही है, लेकिन वन विभाग ने आम जनता को इस खतरनाक मार्ग में आवाजाही की खुली छूट दी है। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि क्षेत्र के ग्रामीण व जनप्रतिनिधि दशकों से रनमन—गणनाथ—ताकुला मोटरमार्ग की मांग उठा रहे हैं, ताकि जनसुविधा बढ़े और ताकुला ब्लाक मुख्यालय सड़क मार्ग से जुड़ सके। लेकिन तंत्र की अनदेखी से हालत ये है कि विकासखंड ताकुला मुख्यालय एकमात्र ब्लाक है, जो सड़क सुविधा से आज तक वंचित है। जनप्रतिनिधि जान जोखिम में डालकर इस जंगल के रास्ते ही मुख्यालय पहुंचते हैं। वह भी तब जब क्षेत्र के जन प्रतिनिधि मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री स्तर तक समस्या को रख चुके हैं।
सड़क नहीं बनी तो होगा विरोध— दोसाद
ताकुला के ज्येष्ठ प्रमुख ललित मोहन सिंह दोसाद बताते हैं कि उनके द्वारा ताकुला ब्लाक के लिए सड़क निर्माण का अनुरोध केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी किया गया और उनके द्वारा लोक निर्माण विभाग के सचिव को समस्या के निराकरण के लिए निर्देशित किया गया, मगर विभाग ने बेवजह की आपत्तियां लगा कर मामले को टाल दिया। उन्होंने कहा कि लोनिवि की इस टालमटोली का अब जनप्रतिनिधि विरोध करेंगे। उन्होंने जल्द से जल्द उक्त सड़क का निर्माण किए जाने की मांग की है।
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