सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
कोरोना काल की भीषण त्रासदी का गवाह अल्मोड़ा का भैसवाड़ा फार्म बन चुका है।
यहां जलने वाली कोरोना संक्रमितों की चिताओं ने इस इलाके को एक विश्वनाथ घाट से इतर दूसरे श्मशान घाट में परिवर्तित कर दिया है। यहां आज भी एक साथ चार चिताएं जब जलीं तो यह मंजर बहुत ही विचलित कर देने वाला था।
आज शनिवार को एसडीआरएफ सरिया पानी अल्मोड़ा टीम ने एक कोविड-19 संक्रमित शव पाना देवी पत्नी लालू राम उम्र 75 साल निवासी छाना गोलू का दाह संस्कार किया।
टीम में एचसी लाल सिंह, कांस्टेबल पंकज डंगवाल, हरीश नाथ गोस्वामी, सुरेश बहुगुणा, ललित भाकुनी, ड्राइवर सुमित राणा और इंस्पेक्टर बालम सिंह बजेली शामिल रहे।
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उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा में कोरोना की दूसरी लहर काफी घातक सिद्ध हो रही है। यहां बेस के कोविड अस्पताल में लगभग हर रोज किसी न किसी की जान कोरोना की वजह से जा रही है।
प्रशासन स्तर पर आम जनता को जागरूक करने के हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। हालांकि काफी संख्या में लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं, लेकिन जब तक कोरोना से मौतों का सिलसिला नही रूकता तब तक संकट को बरकरार ही माना जायेगा।
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