सीएनई संवाददाता, अल्मोड़ा
तिथि — 04 सितंबर, 2020
विकासखंड ताकुला के तमाम गांवों में लंबे समय बंदर, सुअंर, गुलदार आदि हिंसक जीवों का आतंक बना हुआ है। गत दिवस ताकुला बाजार आई एक महिला पर बंदर झपट पड़े, जिससे वह घायल हो गई। आस—पास के लोगों ने बामुश्किल महिला को बंदरों से बचाया और निकटवर्ती अस्पताल लेकर आये। प्रधान संगठन ने घटना पर आक्रोश
महिला के सिर—हाथ आदि स्थानों में बंदरों द्वारा गंभीर चोट पहुंचाई गई है। इधर ग्राम प्रधान संगठन ताकुला—बसौली की ओर से जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर क्षेत्रवासियों को वन्य जीवों के आतंक से निजात दिलाने और किसी भी वन्य जीव के हमले से घायल हुए लोगों को तत्काल मुआवजा दिए जाने की मांग की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड ताकुला के ग्राम अमखोली निवासी गीता मेहता पत्नी संजय मेहता किसी कार्यवश बाजार आई थी। इसी दौरान उस पर बंदरों ने बेवजह हमला कर दिया और कई जगह काट डाला। इस बीच आस—पनास के तमाम लोगों ने बामुश्किल बंदरों को वहां से भगाते हुए महिला की जान बचाई। इसके बाद महिला को निकटवर्ती अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उनका उपचार किया। इधर ग्राम प्रधान संगठन विकासखंड ताकुला—बसौली के नेतृत्व में तमाम ग्राम प्रधानों ने जिलाधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा कि पूरे क्षेत्र में गुलदार, बंदर, जंगली सुअंरों का जबरदस्त आतंक बना हुआ है। जिससे जहां खेतों में तैयार फसलों को नुकसान पहुंच रहा है, वहीं लोगों को अपनी जान—माल का खतरा भी बना हुआ है। गुलदार द्वारा कई पालतू मवेशियों को निवाला बनाया जा चुका है। जिससे पशु पालकों को भारी आर्थिक क्षति उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि गत दिवस जब महिला पर हुए बंदरों के हमले के बावत जब वन क्षेत्राधिकारी को सूचना दी गई तो उनका कहना था कि महिला की आर्थिक मदद के लिए कोई फंड नही है। उन्होंने शासन—प्रशासन से महिला को उचित मुआवजा देने तथा अभियान चलाकर बंदरों को पकड़ने की मांग की। साथ ही कहा कि सुअरों द्वारा फसलों को पहुंचाए जाने वाले नुकसान पर भी किसानों को मुआवजा दिया जाये। ज्ञापन देने वालों में प्रधान संगठन के अध्यक्ष बिरेंद्र सिंह बिष्ट व अमखोली प्रधान प्रमोद कुमार वर्मा शामिल हैं।