उग्र आंदोलन की चेतावनी
CNE REPORTER, बागेश्वर: कपकोट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ग्रामसभा झूनी के निवासियों में सरयू नदी पर प्रस्तावित पैदल पुल के निर्माण कार्य में हो रही देरी को लेकर गहरा असंतोष है।
30 मीटर लंबा यह महत्वपूर्ण पैदल लोहे का पुल सरमूल, सौधारा और सहस्रधारा जैसे क्षेत्रों को जोड़ने वाला है, जिसकी स्वीकृति जिला योजना के तहत काफी समय पहले मिल चुकी है। इसके बावजूद निर्माण कार्य का शुरू न होना स्थानीय ग्रामीणों के लिए एक बड़ी समस्या बन गया है, जिसके विरोध में उन्होंने आज (सोमवार) जिला कलेक्ट्रेट पर जोरदार प्रदर्शन किया और शीघ्र कार्य शुरू न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
आवागमन की समस्या से जूझ रहे ग्रामीण
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पहुँचकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और जिलाधिकारी कार्यालय में एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों का कहना है कि पुल के स्वीकृत होने के बावजूद लंबे समय से निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। इसकी वजह से दैनिक आवागमन में उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। विशेष रूप से मानसून के मौसम में जब सरयू नदी का जलस्तर बढ़ जाता है, तब स्थिति और भी विकट हो जाती है। नदी पार करना जोखिम भरा हो जाता है, जिससे स्थानीय लोगों, खासकर बच्चों और बुजुर्गों, का जीवन प्रभावित हो रहा है।
15 दिन में काम शुरू न होने पर आमरण अनशन की चेतावनी
ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले की तत्काल उच्च स्तरीय जांच करवाने और पुल निर्माण कार्य को अविलंब प्रारंभ करने की मांग की है। ज्ञापन में यह स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि यदि अगले 15 दिनों के भीतर मामले की जांच पूरी करके निर्माण कार्य शुरू नहीं किया गया, तो ग्रामवासी सरमूल सहस्रधारा क्षेत्र में आमरण अनशन (भूख हड़ताल) करने को मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने साफ किया है कि इस स्थिति की संपूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
प्रदर्शन के दौरान प्रदीप सिंह, सोबन सिंह, इंद्र सिंह, ईश्वर सिंह, हीरा बिष्ट, गोविंद सिंह जैसे प्रमुख ग्रामीण उपस्थित थे, जिन्होंने सामूहिक रूप से अपनी समस्या को पुरजोर तरीके से उठाया। अब देखना यह है कि प्रशासन इस महत्वपूर्ण जनहित के मुद्दे पर कितनी जल्दी कार्रवाई करता है।

