नई दिल्ली | दिल्ली में प्रदूषण गुरुवार को बेहद खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। यहां 39 पॉल्यूशन मॉनिटरिंग स्टेशंस में से 32 ने एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को गंभीर बताया है। इस हवा में सांस लेना भी मुश्किल होता है। यहां सभी प्राइमरी (5वीं क्लास तक) स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। बच्चे ऑनलाइन क्लास में पढ़ेंगे।
एयर कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने NCR यानी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान से आने वाली बसों के दिल्ली आने पर रोक लगा दी है। CNG और इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ BS-4 डीजल बसों को इससे छूट दी गई है। इस बीच, अमेरिकी साइंटिस्ट हीरेन जेठवा ने 14 नवंबर को दिल्ली की सैटेलाइट इमेज शेयर की हैं। इसमें दिल्ली में घना स्मॉग दिखाई दे रहा है। हीरेन अमेरिका की मॉर्गन स्टेट यूनिवर्सिटी में एरोसोल रिमोट सेंसिंग साइंटिस्ट हैं। हीरेन की फोटोज NASA ने भी शेयर की हैं।
दिल्ली-NCR में तोड़फोड़ पर रोक, डीजल गाड़ियों पर पाबंदी
>> दिल्ली-NCR में निर्माण, खनन और तोड़फोड़ पर रोक रहेगी।
>> दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में BS-3 पेट्रोल और BS-4 डीजल वाहन नहीं चलेंगे।
>> दिल्ली में BS-3 डीजल के इमरजेंसी व्हीकल के अलावा इस स्तर के सभी मीडियम गुड्स व्हीकल पर रोक रहेगी।
>> इसके अलावा मशीन से सड़कों की सफाई की फ्रिक्वेंसी बढ़ाने और हैवी ट्रैफिक वाले रूट पर पीक आवर से पहले पानी का छिड़काव करने जैसे उपाय किए जाएंगे।
>> सभी प्रतिबंध और उपाय 15 नवंबर सुबह 8 बजे से लागू होंगे। इन्हें ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे फेज के तहत लागू किया जा रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण से निपटने ग्रेडेड एक्शन प्लान लागू
राजधानी में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए प्रदूषण के स्तर को 4 कैटेगरी में बांटकर देखा गया है। हर स्तर के लिए लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड एक्शन प्लान यानी GRAP कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।
>> GRAP-1: खराब (AQI 201-300)
>> GRAP-2 : बहुत खराब (AQI 301-400)
>> GRAP-3: गंभीर ( AQI 401 से 450)
>> GRAP-4: बहुत गंभीर ( AQI 450 से ज्यादा)
दिल्ली सरकार ने कहा था- प्रतिबंध नहीं लगाएंगे
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने गुरुवार सुबह ही कहा था, ‘GRAP-3 के प्रतिबंध लागू नहीं किए जाएंगे।’ इस पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि आतिशी सरकार की निष्क्रियता के कारण प्रदूषण की स्थिति दिल्ली के आसपास के इलाकों से भी बदतर हो गई है। राजपथ जैसे इलाकों में भी AQI 450 से ज्यादा है। उन्होंने कहा- दिल्ली के लोग चाहते हैं कि गोपाल राय अपना पद छोड़ दें। इस पर गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की खराब एयर क्वालिटी में 35% योगदान भाजपा शासित हरियाणा और उत्तर प्रदेश के NCR में आने वाले जिलों का है।
दिल्ली में 14 अक्टूबर को GRAP-1 लागू किया गया था
दिल्ली का एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 200 पार होने के बाद 14 अक्टूबर को दिल्ली NCR में GRAP-1 लागू कर दिया गया था। इसके तहत होटलों और रेस्तरां में कोयला और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर बैन है। कमीशन ऑफ एयर क्वॉलिटी मैनेजमेंट ने एजेंसियों को पुराने पेट्रोल और डीजल गाड़ियों (BS -III पेट्रोल और BS-IV डीजल) के संचालन पर सख्त निगरानी के आदेश दिए हैं। आयोग ने एजेंसियों से सड़क बनाने, रेनोवेशन प्रोजेक्ट और मेन्टेनेन्स एक्टिविटीज में एंटी-स्मॉग गन, पानी का छिड़काव और डस्ट रिपेलेंट तकनीकों के उपयोग को बढ़ाने के लिए भी कहा है।
AQI क्या है और इसका हाई लेवल खतरा क्यों
AQI एक तरह का थर्मामीटर है। बस ये तापमान की जगह प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पॉल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा। और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे तो 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन अभी हालात ये हैं कि राजस्थान, हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में ये 300 के ऊपर जा चुका है। ये बढ़ता AQI सिर्फ एक नंबर नहीं है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है।
क्या होता है PM, कैसे नापा जाता है
PM का अर्थ होता है पर्टिकुलेट मैटर। हवा में जो बेहद छोटे कण यानी पर्टिकुलेट मैटर की पहचान उनके आकार से होती है। 2.5 उसी पर्टिकुलेट मैटर का साइज है, जिसे माइक्रोन में मापा जाता है। इसका मुख्य कारण धुआं है, जहां भी कुछ जलाया जा रहा है तो समझ लीजिए कि वहां से PM2.5 का प्रोडक्शन हो रहा है। इंसान के सिर के बाल की अगले सिरे की साइज 50 से 60 माइक्रोन के बीच होता है। ये उससे भी छोटे 2.5 के होते हैं। मतलब साफ है कि इन्हें खुली आंखों से भी नहीं देखा जा सकता। एयर क्वालिटी अच्छी है या नहीं, ये मापने के लिए PM2.5 और PM10 का लेवल देखा जाता है। हवा में PM2.5 की संख्या 60 और PM10 की संख्या 100 से कम है, मतलब एयर क्वालिटी ठीक है। गैसोलीन, ऑयल, डीजल और लकड़ी जलाने से सबसे ज्यादा PM2.5 पैदा होते हैं।
यूपी, पंजाब, हिमाचल में रहेगा बहुत घना कोहरा
पंजाब-चंडीगढ़ में धुंध का अलर्ट जारी किया है। राजस्थान में दो दिन घने कोहरे का अलर्ट है। यूपी और पंजाब में 15 नवंबर तक, हिमाचल में 18 नवंबर तक रात और सुबह के समय घना से बहुत घना कोहरा छाएगा। हरियाणा, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, बिहार, झारखंड में 16 नवंबर तक धुंध छाने का अनुमान है।