📌 NMC ने जारी किए नए नियम
NMC New Guidelines For MBBS: मेडिकल की पढ़ाई अब पहले की तरह आसान नहीं होगी। देश को बेहतरीन चिकित्सक मिलें। इसके लिए जरूरी है कि यह पढ़ाई जिम्मेदार विद्यार्थी ही करें। इस बीच राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) ने नई Guidelines जारी की है। जारी हुए नए नियमों के अनुसार अब एमबीबीएस करने वाले अभ्यर्थियों को Date of Admission से 09 वर्षों के भीतर निर्धारित पाठ्यक्रम (Syllabus) पूरा करना होगा।
मिलेगा सिर्फ 09 सालों का समय
ज्ञातव्य हो कि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार मेडिकल की पढ़ाई के नियमों में बदलाव हुए हैं। अब एमबीबीएस करने वालों को प्रवेश तिथि से 09 साल के भीतर पाठ्यक्रम पूरा करना होगा। वहीं, उन्हें प्रथम वर्ष में उत्तीर्ण होने के लिए केवल 04 attempts मिलेंगे।
कॉमन काउंसलिंग की बाध्यता
NMC ने हाल में जारी स्नातक चिकित्सा शिक्षा विनियम 2023 (GMER-23) में इसका जिक्र किया है। आयोग ने साफ किया है कि NEET-UG योग्यता के आधार पर देश के सभी चिकित्सा संस्थानों में undergraduate courses में एडमिशन के लिए एक common counseling होगी।
02 जून को जारी गजट अधिसूचना
02 जून को जारी गजट अधिसूचना में कहा है कि किसी भी परिस्थिति में, विद्यार्थी को प्रथम वर्ष (MBBS) के लिए 04 से अधिक प्रयासों की इजाजत नहीं मिलेगी। अब नए नियम के तहत किसी भी विद्यार्थी को पाठ्यक्रम में प्रवेश की तारीख से 09 साल बाद undergraduate medical courses जारी रखने की भी अनुमति नहीं मिलेगी। Compulsory Rotating Medical Internship Regulations, 2021 : अब स्नातक चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम में प्रवेश ले चुके छात्रों का स्नातक तब तक पूरा नहीं माना जाएगा, जब तक कि वह अपनी Rotating Medical Internship को पूरी नहीं कर लेता।
राजपत्र (Gazette) में कहा गया है
“मौजूदा नियमों या अन्य एनएमसी नियमों में कही गई किसी भी बात के पूर्वाग्रह के बिना, नीट-यूजी की योग्यता सूची के आधार पर भारत में सभी चिकित्सा संस्थानों के लिए चिकित्सा में स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कॉमन काउंसलिंग होगी।” अतएव तय है कि अब काउंसलिंग पूरी तरह से एनएमसी द्वारा प्रदान की गई सीट मैट्रिक्स पर आधारित होगी। बशर्ते common counseling में कई चरण हो सकते हैं।
कॉमन काउंसलिंग के संचालन के लिए दिशा-निर्देश
अब Under-graduate Medical Education Board (UGMEB) कॉमन काउंसलिंग के संचालन के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा। साथ ही, धारा 17 के तहत नामित प्राधिकारी प्रकाशित दिशानिर्देशों के अनुरूप काउंसलिंग का आयोजन करेगा। सरकार काउंसलिंग के लिए एक designated authority को नियुक्त करेगी। सभी स्नातक सीटों के लिए अपनी एजेंसी और पद्धति तय करेगी और notified करेगी। लागू नए नियमों में निर्देशित किया गया है कि कोई भी medical institute इन नियमों का कतई उल्लंघन नहीं करेगा। किसी भी Candidate को स्नातक चिकित्सा शिक्षा (GME) पाठ्यक्रम में प्रवेश नहीं देगा।
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