हल्द्वानी/बागेश्वर : सुनों कर्णधारों, आत्मनिर्भरता अभियान का आपका अग्रदूत दर-दर भटक रहा है

हल्द्वानी/ बागेश्वर। कल तक राजनैतिक और मीडिया गलियारों में आत्मनिर्भरता का ब्रांड एंबेसडर बना हुआ पवन आज अपने पैर के इलाज के लिए राजनैतिक महानुभावों के फोन उठने की प्रतीक्षा कर रहा है।
कांडा का चर्चित ‘प्रवासी’ पवन अपने पैर का इलाज हल्द्वानी में करा रहा है। पवन ने बताया कि दो हजार किराया दे वह बड़े भाई के साथ हल्द्वानी पहुंचा है। पैसों के अभाव में उसने बड़े अस्पताल की जगह हल्द्वानी बेस अस्पताल का रुख किया है। डाॅक्टर ने पैर देखकर नस दबने की बात कही है और दवाईयां लिखकर एक महिने बाद फिर दिखाने को कहा है। पवन ने करीब 3,000 की दवाईया ले ली हैं। उसने बताया कि अब सिर्फ घर जाने के लिए ही पैसा बचा हुआ है। एक महिने बाद फिर आना मुमकिन होगा या नहीं ये भी पता नहीं है। वह कहता है कि वो तो भला हो जिले की एसपी मैम का जिन्होंने दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता दे दी, जिसे हल्द्वानी तक इलाज के लिए आना संभव हो सका। पवन ने आगे बताया है कि जिले के कई बढ़े नेताओं ने सहायता का आश्वासन दिया है, लेकिन अभी तक कोई भी मदद नहीं पहुंची है। कहीं से आर्थिक सहायता हो जाती तो प्राइवेट अस्पताल में दिखाता और थोड़ा इलाज भी जल्दी हो जाता । पवन ने कहा कि एक बड़ी पार्टी के जिलाध्यक्ष ने भी हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया था,लेकिन आज कल वो फोन ही नहीं उठा रहे हैं। शायद कहीं व्यस्त होंगे। वह कहता है नेता लोग ठहरे… वैसे ही बहुत काम होते हैं उनके। उसे उम्मीद है कि वे तमाम नेता उसके काल बैक करेंगे जिन्होंने कभी उसे आत्मनिर्भता अभियान का अग्रदूत बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। सबकुछ कुछ लुटा कर आज पवन कितने दर्द में है ये उसकी आवाज बयां करती है । उसका पैर और भविष्य दोनों की संशय में है।