मानव-वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा 10 लाख
CNE REPORTER/देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में कुल 7 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगी है। मंत्रिमंडल ने दो बड़े और जनहितकारी फैसले लिए हैं: पहला- मानव-वन्यजीव संघर्ष में मृतक के परिजनों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि को रुपये 6 लाख से बढ़ाकर 10 लाख किया गया है, और दूसरा- राज्य की दुकानों और संस्थानों में महिला कर्मचारियों को अब रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे तक (नाइट शिफ्ट) काम करने की सशर्त छूट प्रदान कर दी गई है।

इन फैसलों के माध्यम से धामी सरकार ने जहां एक ओर वन्यजीवों के हमलों से प्रभावित परिवारों को बड़ी राहत प्रदान की है, वहीं दूसरी ओर महिलाओं के लिए कार्य के अधिक अवसर खोलकर उनके आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त किया है। कैबिनेट ने अभियोजन संवर्ग ढांचे के पुनर्गठन और देहरादून मेट्रो नियो परियोजना से संबंधित प्रस्तावों पर भी मुहर लगाई। बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी और सौरभ बहुगुणा समेत तमाम मंत्री मौजूद रहे, जबकि सतपाल महाराज और धन सिंह रावत वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
कैबिनेट के प्रमुख फैसले और उनका प्रभाव
1. मानव-वन्यजीव संघर्ष में बड़ी राहत
राज्य में मानव-वन्यजीवों के बीच संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गंभीर चिंता व्यक्त की थी, जिसके बाद कैबिनेट ने यह बड़ा फैसला लिया।
- बढ़ा हुआ मुआवजा: वन्यजीव हमले में मृतक के परिजनों को अब ₹6 लाख की जगह 10 लाख की राशि दी जाएगी।
- घायलों का उपचार: मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप, इन हमलों में घायल हुए लोगों के उपचार का पूरा खर्च अब सरकार वहन करेगी।
- उद्देश्य: इस संशोधन का उद्देश्य प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों और जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ाने के साथ ही पीड़ित परिवारों को त्वरित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा व आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इसके लिए मानव वन्य जीव संघर्ष राहत वितरण निधि नियमावली- 2025 में संशोधन को मंजूरी दी गई है।
2. महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट का रास्ता खुला
धामी सरकार ने उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा शर्त) (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के जरिए महिला कर्मचारियों को रात्रि पाली में काम करने की सशर्त छूट प्रदान की है।
- सशर्त छूट: महिला कर्मचारी रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक काम कर सकेंगी, लेकिन इसके लिए उन्हें पहले लिखित सहमति देनी होगी।
- सुरक्षा प्रावधान: सरकार ने स्पष्ट किया है कि रात्रि पाली में कार्य करने वाली महिला कर्मचारियों की सुरक्षा का पर्याप्त प्रावधान किया जाएगा।
- लाभ: सरकार मानती है कि यह फैसला महिला कर्मचारियों को पुरुष कर्मचारियों के समान कार्य करने के अवसर प्रदान करेगा, जिससे लैंगिक समानता प्रभावी होगी और महिला कर्मकारों का आर्थिक सशक्तिकरण होगा।
3. अभियोजन संवर्ग ढांचे का पुनर्गठन
कानूनी व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में, कैबिनेट ने अभियोजन संवर्ग ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी दी है। इसके तहत, सहायक अभियोजन अधिकारी के 46 अतिरिक्त पदों के सृजन को भी स्वीकृति दी गई है, जिससे विभाग की कार्यक्षमता बढ़ेगी।
4. मेट्रो नियो परियोजना पर चर्चा
देहरादून शहर में प्रस्तावित मेट्रो नियो परियोजना के संबंध में, आवासन एवं शहरी विकास मामलों के मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से दिए गए परामर्श और सुझावों से मंत्रिमंडल को अवगत कराने और इस पर मार्गदर्शन प्राप्त करने संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
5. सदन पटल पर रखे जाएंगे प्रतिवेदन
कैबिनेट ने पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और ऊर्जा विभाग के वार्षिक वित्तीय प्रतिवेदन (क्रमशः 2022-23) को विधानसभा के सदन पटल पर रखने की मंजूरी भी प्रदान की है।
बैठक की शुरुआत में श्रद्धांजलि
बैठक के प्रारंभ में, कैबिनेट ने उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ आंदोलनकारी और पूर्व कैबिनेट मंत्री दिवाकर भट्ट के निधन पर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी और राज्य निर्माण में उनके योगदान को याद किया।
कैबिनेट फैसलों की विशेष जानकारी
| फैसला | पूर्व की स्थिति | नई स्थिति और महत्व |
| मानव-वन्यजीव संघर्ष मुआवजा | 6 लाख (इससे पहले यह राशि ₹4 लाख थी, जिसे जनवरी 2024 में बढ़ाकर ₹6 लाख किया गया था)। | 10 लाख। यह मुआवजा मुख्यमंत्री धामी की ‘वन्यजीव प्राणी सप्ताह’ (अक्टूबर 2025) में की गई घोषणा के अनुरूप बढ़ाया गया है। |
| घायलों का उपचार | पहले अनुग्रह राशि दी जाती थी। | घायलों का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी। सरकार ने अधिकारियों को ‘त्वरित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा’ उपलब्ध कराने को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है। |
| महिला नाइट शिफ्ट (उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन अध्यादेश, 2025) | उत्तराखंड दुकान और स्थापन अधिनियम, 2017 में महिलाओं के नाइट शिफ्ट (रात्रि 9 बजे से सुबह 6 बजे) पर प्रतिबंध था। | लिखित सहमति और पर्याप्त सुरक्षा प्रावधानों के साथ काम करने की अनुमति। इससे निवेश को प्रोत्साहन मिलने, कार्यक्षमता बढ़ने और लैंगिक समानता प्रभावी होने की उम्मीद है। |
| संवर्ग पुनर्गठन | अभियोजन संवर्ग में अधिकारियों के पदों की संख्या सीमित थी। | सहायक अभियोजन अधिकारी के 46 अतिरिक्त पदों के सृजन को मंजूरी। इससे अभियोजन विभाग का ढांचा मजबूत होगा और कानूनी प्रक्रिया में तेजी आएगी। |
संघर्ष प्रबंधन की पृष्ठभूमि
मुआवजे की वृद्धि का इतिहास: मानव-वन्यजीव संघर्ष में मुआवजा राशि में वृद्धि एक चरणबद्ध प्रक्रिया रही है। पहले यह राशि ₹4 लाख थी, जिसे मुख्यमंत्री धामी ने ही बढ़ाकर ₹6 लाख किया था (जनवरी 2024)। अब, इस राशि को सीधे ₹10 लाख कर दिया गया है, जो इस समस्या के प्रति सरकार की बढ़ती संवेदनशीलता को दर्शाता है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2017 से अब तक राज्य में 400 से अधिक लोग वन्यजीव हमलों में जान गंवा चुके हैं।
नाइट शिफ्ट नियम के पीछे का तर्क
कानूनी और आर्थिक प्रोत्साहन: उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखण्ड दुकान और स्थापन (रोजगार विनियमन और सेवा-शर्त) (संशोधन) अध्यादेश, 2025 के माध्यम से यह बदलाव किया है। सरकार का मानना है कि इन संशोधनों से न केवल महिला कर्मचारियों को अधिक आर्थिक अवसर मिलेंगे, बल्कि छोटे प्रतिष्ठानों पर प्रशासनिक बोझ कम होगा और निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे दुकानों व स्थापनों की कार्यक्षमता बढ़ेगी।

