सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर। देहरादून में 16वें वित्त आयोग की केन्द्रीय टीम ने प्रदेश के महापौर और चुनिंदा नगर पालिका अध्यक्षों के साथ विकास का योजनाओं की रूपरेखा को साझा किया।
उन्होंने बागेश्वर जनपद के “डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन योजना” की तारीफ करते हुए कहा कि इस योजना में सबसे अच्छी बात यह है कि इसमें शत—प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी है, जो स्वच्छता के साथ-साथ क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा।
देहरादून, हरिद्वार, काशीपुर, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और रूद्रपुर जैसे बड़े नगर निगम महापौर के साथ महज तीन नगर पालिकाओं के प्रतिनिधियों में कुमाऊं से केवल बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल को उनके बेहतर प्रदर्शन और उत्कृष्ट कार्यशैली के आधार पर बैठक में आमंत्रित कर उनके कार्यों को सार्वजनिक मंच से रेखांकिंत करना, यह बताने के लिये काफी है कि यहां का काम अन्य पालिकाओं के लिये एक नजीर है।
विषम भैगोलिक परिस्थितियां, अतिरिक्त सहयोग बेहद जरूरीः सुरेश
नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने वित्त आयोग से बागेश्वर में स्वच्छता के लिये वित्तीय आवंटन बढ़ाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बागेश्वर में तीर्थाटन और पयर्टन गतिविधियों को देखते हुए पार्किंग, साफ सफाई, सीवरेज जैसे मद में अतिरिक्त वित्तीय सहायता की बेहद आवश्यकता है।
उन्होंने मजबूती से अपनी बात रखते हुये कहा कि प्रतिदिन एकत्रित होने वाले कूड़े के निस्तारण के लिए भी पालिका को सरकार से पर्याप्त सहायता चाहिए। बागेश्वर नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल ने आयोग के सामने अपनी बात दमदार तरीके से रखी। उन्होंने कहा कि बागेश्वर पालिका क्षेत्र अथवा उसके आसपास वनाग्नि की घटनायें काफी होती हैं जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है।
पर्यटन नगरी होने के कारण पर्यटकों की आवाजाही रहती है। जिस कारण शहर को साफ, स्वच्छ एवं रोगमुक्त रखना उनकी प्राथमिकताओं में है जिसे वे सीमित संसाधन होने के बावजूद हमेशा चुनौती के तौर पर लेते हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में विपरीत भैगोलिक परिस्थितयों के कारण निर्माण कार्यों की लागत बेहद अधिक होती है इसलिये उन्हें बजट पर अतिरिक्त सहायता की जरूरत है।
विकास के द्वार खोलेगी दमदार पहल
उत्तराखंड में 107 शहरी निकाय हैं जिनमें 11 नगर निगम, 45 नगर पालिकायें और 51 नगर पंचायतें शामिल हैं। 16वें वित्त आयोग की अति महत्वपूर्ण बैठक में बेहतर प्रदर्शन और कार्यशैली के आधार पर केवल 11 जनप्रतिनिधियों का चुनाव होना और उसमें भी कुमाउं से केवल बागेश्वर के नगर पालिका अध्यक्ष सुरेश खेतवाल को शामिल किया जाना इस बात की ताकीद करता है कि आने वाले समय में बागेश्वर नगर पालिका विकास के नये आयाम तय करेगी।