अल्मोड़ा/बागेश्वर: महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रख मांगी पति की लंबी आयु

✍️ पूरे श्रृंगार में सज कर की पूजा—अर्चना, संतान सुख की कामना की सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: अल्मोड़ा व बागेश्वर जिलोें में आज तमाम सुहागिनों ने…

महिलाओं ने वट सावित्री व्रत रख मांगी पति की लंबी आयु

✍️ पूरे श्रृंगार में सज कर की पूजा—अर्चना, संतान सुख की कामना की

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा/बागेश्वर: अल्मोड़ा व बागेश्वर जिलोें में आज तमाम सुहागिनों ने वट सावित्री व्रत धारण कर वट वृक्ष के नीचे बैठकर विशेष पूजा अर्चना की और अपने पति की लंबी आयु मांगी।

ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन आज महिलाओं ने पूरे श्रृंगार में सजधज कर वट सावित्री व्रत रखा। सुहागन स्त्रियों ने वट सावित्री व्रत के दिन सोलह श्रृंगारों में सज कर सिंदूर, रोली, फूल, अक्षत, चना, फल और मिठाई से सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करती है और संतान के सुख तथा पति की लंबी आयु मांगी। शास्त्रों के अनुसार इस दिन व्रत रखकर वट वृक्ष के नीचे सावित्री, सत्यवान और यमराज की पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है और संतान सुख प्राप्त होता है। महिलाएं प्राचीन काल से चली आ रही इस परंपरा के अनुसार अपने पति के दीर्घजीवी होने के लिए बरगद के पेड़ की पूजा और व्रत करती है। पंडित हेम जोशी ने बताया कि इसी दिन सावित्री ने यमराज के फंदे से अपने पति सत्यवान के प्राणों की रक्षा की थी। मूलत: यह व्रत-पूजन सौभाग्यवती स्त्रियों का है। इस दिन वट (बड़, बरगद) का पूजन होता है। इस व्रत को स्त्रियां अखंड सौभाग्यवती रहने की मंगलकामना से करती हैं। वट वृक्ष की जड़ों में ब्रह्मा जी, तने में विष्णु और डालियों एवं पत्तों में शिव का वास है। इसके नीचे बैठकर पूजन, व्रत कथा कहने और सुनने से मनोकामना पूरी होती है।

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