बड़ी समस्या : जहां कभी लाखों की पैदावार होती थी, वहां मिर्च का पौधा भी नही, वन्य जीव बर्बाद कर रहे खेती : विपिन गुरूरानी

— सीएनई संवाददाता अनूप सिंह जीना से बातचीत — अल्मोड़ा। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य व लोकप्रिय जन नेता विपिन गुरूरानी ने कहा कि पहाड़ आज…


— सीएनई संवाददाता अनूप सिंह जीना से बातचीत —

अल्मोड़ा। पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य व लोकप्रिय जन नेता विपिन गुरूरानी ने कहा कि पहाड़ आज समस्याओं से जूझ रहे हैं। ग्राम सभा जूड़कफून एक ऐसा गांव है जहां कभी ग्रामीणों ने लाखों की मटर बेची थी, वहां आज एक मिर्च का पौधा तक नही हो पा रहा है।

गुरूरानी ने सीएनई संवाददाता से बातचीत में कहा कि ग्राम पंचायत रोन डाल, जूड़कफून, डोबा, एवं रैंगल आदि क्षेत्रों में वन्य जीवों का जबरदस्त आतंक है। उन्होंने कहा कि सरकार पलायन को रोकने व विकास को बढ़ाने की बात कहती है, लेकिन हकीकत इससे एकदम अलग है। किसान हताश हैं और काश्तकारों का किसानी से मोह भंग होता जा रहा है। सुंअर व बंदरों का आतंक उत्तराखंड के सभी गांवों में है।

गुरूरानी ने कहा कि सभी पट्टी पटवारी व ग्राम विकास अधिकारी जहां भी कार्यरत हैं वहां से शासन—प्रशासन को आख्या मंगानी चाहिए। ​जिस क्षेत्र में भी किसान अपनी आजीविका के साधनों को नकार रहा है, वहां के लिए कोई ऐसी ठोस नीति तैयार हो ताकि जंगली जानवरों द्वारा फसलों को पहुंचाये जा रहे नुकसान को रोका जा सके।

उल्लेखनीय है कि जन नेता विपिन गुरूरानी अल्मोड़ा के विकासखंड हवालबाग अंतर्गत ग्राम सभा डोबा के निवासी हैं। वह लगातार 15 साल तक क्षेत्र पंचायत सदस्य रहे हैं तथा एक राजनैतिक पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं। क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं को उन्होंने समय—समय पर प्रमुखता से उठाया है और सरकार पर जन हित में निर्णय लेने के लिए दबाव कायम किया है।


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