Almora News : मात्र कम ब्यॉज पर ऋण लेने तक सीमित क्यों रहें महिला स्वयं सहायता समूह, संरक्षण को आगे आया धर्म निरपेक्ष युवा मंच, लिए यह महत्वपूर्ण फैसले….
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
जरूरतमंदों, कमजोर, असंगठित व शोषित—पीड़ित वर्ग की सशक्त आवाज़ बन चुके धर्मनिरपेक्ष युवा मंच अब स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं के हितों के लिए आगे आया है। मंच का मानना है कि आज की तारीख़ में स्वयं सहायता समूह मात्र कम ब्यॉज में ऋण लेने तक सीमित रह गये हैं, जबकि पहाड़ की महिलाओं के श्रम को सीधे आमदनी से जोड़े जाने की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि धर्म निरपेक्ष युवा मंच ने नगर के शैल और बल्टा में महिलाओं के साथ बैठक की। इस दौरान मंच द्वारा सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं की आमदनी में वृद्धि कर सरकार की योजनाओं को महिलाओं तक पहुंचाने का जिम्मा लिया गया। मंच के संयोजक विनय किरौला ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों की यदि बात करें तो माइक्रो क्रेडिट से जैसे ढाका (बांग्लादेश) की महिलाओं की तकदीर बदल ली, गुजरात के आनंद में अमूल उद्योग इसके बड़े उदाहरण हैं। यहां विडम्बना यह है कि स्वयं सहायता समूह में जुड़ी महिलाओं को सरकारी ट्रेनिंग के बाद ट्रेनिंग से सम्बंधित काम नही मिलता है, जिससे प्रशिक्षण में सीखी गयी किसी भी प्रकार की कला महिलाएं जल्द ही भूल जाती हैं। स्वयं सहायता समूह के संकल्पना को यदि सही से लागू किया, तो पहाड़ में महिलाओं को सीधे आमदनी से जोड़ा जा सकता है। जिस दिशा में धर्मनिरपेक्ष युवा मंच सरकार को इस दिशा में नीतिगत बदलाव के लिए लड़ाई लड़ेगा। इसके अतिरिक्त सरकारी योजनाओं विधवा पेंशन, आवासीय योजनाओं, पानी की निकासी की उचित व्सवस्था, विकलांग पेंशन, शौचालय निर्माण की सब्सिडी का लाभ से यह महिलाएं वंचित है। इस अवसर पर मंच संय़ोजक विनय किरौला, ग्राम प्रधान बल्टा नीलम देवी, मयंक पंत, मनीष भाकुनी, आराधना अग्रवाल, रेखा सिंह, कमलेश भट्ट, नन्दी आर्या, दीप चंद्र, धनेश्वर कुमार, यशवन्त शैली, कमल कुमार, महेन्द्र कुमार, गंगा देवी, चंपा देवी, आशा देवी, सुनिता देवी, रमा मेहता, गीता मेहता, कमला मेहता, तुलसी देवी, मंजू मेहता, राहुल आर्या, मंजू मेहता, गीता देवी आदि उपस्थित थे।