खुटानी जल विद्युत परियोजना को लेकर दो गुटों में बंटे ग्रामीण

रविवार को खुलकर सामने आई धड़ेबाजी, एक का समर्थन में तो दूसरे का विरोध सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः पिथौरागढ़ व बागेश्वर की सरहद पर बन रही…

खुटानी जल विद्युत परियोजना को लेकर दो गुटों में बंटे ग्रामीण

रविवार को खुलकर सामने आई धड़ेबाजी, एक का समर्थन में तो दूसरे का विरोध

सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वरः पिथौरागढ़ व बागेश्वर की सरहद पर बन रही खुटानी जल विद्युत परियोजना को लेकर ग्रामीण अब गुटों में बंट गए हैं। यह गुटबाजी गत रविवार को तब साफ उजागर हो गया, जब ग्रामीणों का एक पक्ष परियोजना के विरोध में धरने पर बैठा और दूसरा गुट परियोजना के समर्थन में नारेबाजी करने लगा। इसका सीधा असर जल विद्युत परियोजना के निर्माण कार्य पर पड़ने की आशंका उभर आई है।

बागेश्वर व पिथौरागढ़ के मध्य सिसरोली गांव में बन रही खुटानी जल विद्युत परियोजना के विरोध में उतरे ग्रामीण दोफाड़ हो गए। खुटानी गांव के ग्रामीणों का एक गुट ने रविवार को जल विद्युत परियोजना के विरोध में धरना दिया, तो दूसरे गुट ने परियोजना के समर्थन में नारेबाजी की। पूर्व प्रधान दीपक कुमार ने कहा कि परियोजना के कारण गांव में जगह-जगह मकानों में दरारें पड़ गई है। जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। उनका कहना है कि परियोजना के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि सुरक्षा की दृष्टि से ग्रामीणों का जब तक विस्थापन नहीं होता, तब तक धरना जारी रहेगा।

वहीं दूसरी ओर समर्थक ग्राम प्रधान कविता ने बताया की ग्रामीणों का किसी तरह का विरोध नहीं है। आरोप लगाया कि पूर्व प्रधान बाहरी लोगों को यहां लाकर लगातार विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि योजना के आने से गांव में पहली बार सड़क पहुंची है, जबकि सड़क के लिए कई वर्षों से आंदोलन चल रहा था। इस सड़क सुविधा से गांव के युवाओं को रोजगार मिलेगा। इधर, खुटानी जलविद्युत परियोजना के मैनेजर अशोक सिंह ने बताया की परियोजना 21 मेगावाट की है। जिसकी लंबाई 45 मीटर है। राज्य को बिजली मिलेगी। गांव में योजना आने से पहले सभी ग्रामीणों की अनापत्ति भी ली गई थी। कुछ बाहरी लोग यहां आकर जबरन कार्य में बाधा डाल रहे है, जबकि 90 प्रतिशत ग्रामीणों विरोध नहीं है।
उपनल कर्मियों का धरना

बागेश्वरः सेवा विस्तार की मांग को लेकर स्वास्थ्य विभाग में कोविडकाल में तैनात उपनल कर्मियों का धरना रविवार को जारी रहा। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को लेकर संवेदनशील नहीं है। वह बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने अंतिम सांस तक आंदोलन करने का एलान किया। कलक्ट्रेट सभागार में स्वास्थ्य विभाग के उपनल कर्मियों ने धरना दिया। उन्होंने कहा कि कोरोनाकाल में जब लोग भयभीत थे और घरों से बाहर नहीं आ रहे थे। स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ाया। सरकार ने प्रोत्साहन राशि की घोषणा की, लेकिन वह भी नहीं मिली। बीते एक मार्च को उनका अनुबंध समाप्त हो गया। वह बेरोजगार हो गए हैं। वर्तमान में सेवा अवधि बढ़ाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टी का भी उन्हें समर्थन नहीं मिल रहा है। इस मौके पर रेखा, बलवंत सिंह, संजय कन्नौजिया, महेश आर्या, देवेंद्र बघरी, आनंद प्रसाद, अमरजीत, पवूजा कन्नौजिया, रितु कन्नौजिया, पंकज कुमार व अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।

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