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Almora News: शहीदों के सपने के अनुरूप उत्तराखंड बनाने का संकल्प, खटीमा कांड के शहीदों को वाहिनी ने दी श्रद्धांजलि

सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
उत्तराखंड लोक वाहिनी ने आज यहां गोविंद बल्लभ पंत पार्क में श्रद्धांजलि सभा की। जिसमें खटीमा में शहीद उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को याद किया गया और उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए रेवती बिष्ट ने कहा वर्ष 1994 को खटीमा में आज ही के दिन उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए शान्तिपूर्ण व लोकतांत्रिक तरीके से आवाज बुलंद कर रहे आंदोलनकारियों पर राजसत्ता ने बर्बर दमन किया। उन्होंने कहा कि तत्कालीन राज्य सरकार ने आन्दोलनकारियों पर ऐसा कहर बरपाया कि जलियांवाला बाग घटना की याद ताजा हो गयी।

वाहिनी के वरिष्ठ नेता जगत रौतेला ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में शान्तिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाने का संवैधानिक अधिकार नागरिकों को प्रदत्त है और भारतीय लोक तंत्र दुनियां का सबसे बड़ा लोकतंत्र भी माना जाता है, लेकिन विडंबना ये है कि यहां लोकतंत्र के दायरे में आवाज उठाने वालों को बर्बर दंडनात्मक कार्यवाहियों का सामना करना पड़ता है। जिसके बड़े उदाहरणों में खटीमा कांड भी है।

जंगबहादुर थापा ने कहा कि खटीमा की घटना देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक काले धब्बे के रूप में हमेशा अंकित रहेगी। दयाकृष्ण काण्डपाल ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों पर राजसत्ता के दमन से 42 शहादतें उत्तराखंडियों को देनी पड़ी। तब उत्तराखंड राज्य की मांग पूरी हो सकी। अजयमित्र सिंह बिष्ट ने शहीदों के बलिदान को याद कर उनके सपनों का उत्तराखंड बनाने की बात कही।

कुणाल तिवारी ने गिर्दा के गीतों के माध्यम से श्रृद्धांजलि देते हुए यह गीत प्रस्तुत किया—”खटीमा मंसुरि मुज़फ्फर, हम के भुलि जुलौ,
हम लड़ते रयां भुलू, हम लड़ते रूलौ!
कार्यक्रम का संचालन करते हुए पूरन चन्द्र तिवारी ने कहा कि खटीमा की धरती राज्य आंदोलनकारिायों के लहू से लाल हो गई थी। सात लोगों को अपनी शहादत दी और कई लोगों घायल हुए। उन्होंने बताया कि खटीाम के शहीदों में स्व. भगवान सिंह, प्रताप सिंह, सलीम अहमद, गोपीचन्द, धर्मानन्द भट्ट, रामपाल, परमजीत सिंह शामिल थे।

वक्ताओं ने खटीमा बलिदान दिवस पर राज्य आंदोलन के अमर शहीदों को कोटि—कोटि नमन करते हुए आशा व्यक्त की कि शहीदों के सपनों के अनुरूप राज्य निर्माण की लड़ाई जारी रहेगी और यह लड़ाई मुकाम तक पहुंचेगी। श्रद्धांजलि देने वालों में अजय सिंह मेहता, हारिश उद्दीन, नवीन पाठक, शमशेर जंग गुरुंग, माधुरी मेहता, पुष्पा बिष्ट, हरीश मेहता आदि शामिल रहे।

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