उत्तराखंड : मैदानों से लेकर पहाड़ों तक Heat Wave, बरतें यह सावधानियां

सीएनई रिपोर्टर उत्तराखंड में मैदानों से लेकर पहाड़ों तक हीट वेव का प्रभाव देखा जा रहा है। यहां तापमान 40 पार जा चुका है और…

सीएनई रिपोर्टर

उत्तराखंड में मैदानों से लेकर पहाड़ों तक हीट वेव का प्रभाव देखा जा रहा है। यहां तापमान 40 पार जा चुका है और जबरदस्त गर्मी का अहसास हो रहा है। अल्मोड़ा, बागेश्वर सहित समूचे कुमाऊं मंडल में भी भीषण गर्मी पड़ रही है। ​मौजूदा स्थिति को देखते हुए मौसम विभाग ने 8 जून तक का येलो अलर्ट जारी कर दिया है।

मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून की ताजा रिपोर्ट के अनुसार 08 जून तक प्रदेश को भीषण गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। मैदानी क्षेत्रों में जहां लू का प्रकोप है, वहीं पहाड़ों में भीषण गर्मी बेहाल कर रही है। हालांकि चार दिनों के भीतर पहाड़ों में कहीं—कहीं ओलावृष्टि की भी सम्भावना जाहिर की गई है।

जानकारी के अनुसार गत 02 जून बृहस्पतिवार को अधिकतम तापमान ने बीते 10 सालों का रिकार्ड तोड़ दिया था। इस दिन तापमान 41.1 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा। शुक्रवार को पारे में मामूली गिरावट जरूर दर्ज की गई, लेकिन गर्मी से कोई राहत नहीं मिली। शनिवार से पुन: भीषण गर्मी पड़ने लगी है। मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक बना हुआ है। मौसम विभाग ने गढ़वाल व कुमाऊं मंडल के घाटी वाले क्षेत्रों में हीट वेव को लेकर येलो अलर्ट जारी कर दिया है। चेतावनी में कहा गया है कि अगले तीन-चार दिनों में मैदानी क्षेत्रों में अधिकतम तापमान 40 से 42 डिग्री और दो हजार मीटर तक पहाड़ी क्षेत्रों में 28 से 30 डिग्री तक रह सकता है।मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार प्रदेश में बुधवार तक लू का प्रभाव जारी रहेगा।

प्रमुख शहरों के तापमान की बात करें तो देहरादून, पंतनगर व हरिद्वार में सर्वाधिक गर्मी पड़ रही है। यहां तापमान अगले कुछ दिनों में बढ़ने की सम्भावना है। उत्तराखंड में गर्मी के बढ़ते ग्राफ का असर यह है अधिकतम तापमान में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। 30 मई 36.0 डिग्री, 31 मई 38.0 डिग्री, 01 जून 38.1 डिग्री, 02 जून 39.2 डिग्री तथा 03 जून 40.0 डिग्री अधिकतम तापमान दर्ज हुआ है। वहीं अगले चार रोज यह तापमान अब 40 डिग्री के पार जाने की सम्भावना है।

वहीं मौसम की ताजा सूचना के अनुसार अल्मोड़ा में आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान 30 के पार जाने की उम्मीद है। अगले चार रोज में अल्मोड़ा में अधिकतम तापमान 31 से 32 और न्यूनतम 18 से 17 डिग्री सेल्सियस पहुंचने की उम्मीद है।

लू के प्रकोप से बचें —

इधर चिकित्सकों के अनुसार गर्मी के इस मौसम में हीट स्ट्रोक यानी लू से बचने के लिए विशेष सतर्कता बरतें। आवश्यक है कि दोपहर की तपती धूप में घूमने—फिरने से बचने का प्रयास करें।

⏩ पानी का सेवन अधिक मात्रा में करें।

⏩ मौसमी रसीले फलों का सेवन करें।

⏩ दही, मट्ठा, पोधिने की चटनी, प्याज, छाछ, जलजीरा, लस्सी आदि पीते रहें।

⏩ यदि धूप में जाना हो तो अपने पास प्याज जरूर रखें। चिकित्सीय शोधों में पाया गया है कि भीषण गर्मी में प्याज को लेते रहने से हीट स्ट्रोक से बचा जा सकता है।

⏩ यदि एसी, पंखे, कूलर आदि लगा कर किसी कमरे में बैठे हैं तो इसके बाद तुरंत गर्मी में निकलने से बचें। कुछ देर सामान्य तापमान वाले कमरे में बैठें और फिर बाहर निकलें। ऐसा नहीं करने पर बुखार, उल्टी आदि की समस्या पैदा हो सकती है और लू भी लग सकती है।

किन हालातों में लग सकती है लू —

चिकित्सकों के अनुसार भीषण गर्मी में चलने वाली हवा हीट वेव में बदल जाती है और यदि शरीर इसकी चपेट में आ जाये तो लू लग सकती है। यही कारण है कि धूप में चिकित्सक पूरे कपड़े पहन कर निकलने की सलाह देते हैं। शरीर का यदि कोई अंग खुली धूप के ज्यादा संपर्क में रहे तो हीट स्ट्रोक की चपेट में आने की सम्भावना रहती है।

अन्य कारणों में कड़क धूप में नंगे पांव चलने, बिना कुछ खाये—पिये घर से निकलने, कम पानी पीना, ठंडी जगह से तुरंत धूप में चले जाने, गर्मी लगने पर तुरंत ठंडा बर्फ का पानी पीने आदि से भी लू लग सकती है।

क्या होते हैं लू लगने की लक्ष्ण —

लू लगने का प्राथमिक लक्षण यह है कि बार—बार मुंह सूखने लगता है और तेज़ बुख़ार आ जाता है। साथ ही सांस लेने में तक़लीफ़ महसूस होने लगती है, उल्टी और चक्कर आते हैं, कुछ लोगों को दस्त शुरू हो जाते हैं, तेज सर दर्द की शिकायत होती है, बदन दुखने लगता है, हाथ-पांव ढीले पड़ जाते हैं, बेहोशी आती है और बहुत कमजोरी महसूस होने लगती है।

हल्के में मत लीजिएगा लू को —

एक सर्वे के अनुसार खतरनाक तौर पर यदि लू लग जाये और इसका उपचार नहीं किया जाये तो लगभग 63 प्रतिशत मरीज़ों की मौत तक हो जाती है। लू से बचने और लग जाने पर उपचार के कई उपाय है, लेकिन यदि घरेलू उपचार कारगर नहीं दिखें तो बिना देरी किए किसी योग्य चिकित्सक के पास जाना चाहिए।

लू का किसको है सबसे ज्यादा खतरा —

यद्यपि लू की चपेट में कोई भी आ सकता है, लेकिन छोटे बच्चे और बुजुर्ग इसकी चपेट में अधिक आ सकते हैं। अधिक मोटे और वजनी लोग, हृदय रोगी या पूर्व किसी बीमारी से ग्रसित लोग सामान्य लोगों की तुलना में लू की अधिक चपेट में आ सकते हैं।

लू लग गयी तो क्या करें उपचार —

यदि कभी दुर्भाग्य से कोई लू की चपेट में आ जाये तो ऐसे व्यक्ति को तुरंत खुली हवा में लेट जाना चाहिए। सिर पर बर्फ की पट्टी लगानी चाहिए। मिट्टी के घड़े के ठंडे पानी में नमक—चीनी व नमल मिलाकर पीना चाहिए। सत्तू का पीसा आटा प्याज के साथ लेना चाहिए। आप का पना भी लेने पर फायदा होता है। पोधिने प्याज मिश्रित चटनी चाटनी चाहिए। प्याज का लेप भी शरीर पर लगाया जा सकता है। यदि इन उपायों से काम न बने तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाना चाहिए।

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