UP की शहजादी खान सुपुर्द-ए-खाक, पोल से बांधे हाथ और छाती पर मारी गोली
UAE सरकार ने परिवार को भेजी अंतिम समय की फोटो

CNE DESK/अबु धाबी के अल बाथवा जेल में बच्चे की हत्या के फर्जी आरोप में बंद उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली शहजादी खान हमेशा के लिए ख़ामोश हो गई है। UAE के अबु धाबी में उसे दफन कर दिया गया है। 6 मार्च यानी गुरुवार को हुए सुपुर्द-ए-खाक की तस्वीरें उसके परिजन को भेजी गई हैं। शहजादी की कब्र का नंबर A7S1954 है।
उल्लेखनीय है कि शहजादी खान को अबु धाबी के अल बाथवा जेल में 15 फरवरी की सुबह ठीक साढ़े पांच बजे सजा-ए-मौत दी गई थी। शहजादी को एक खास किस्म का कपड़ा पहनाकर एक पोल से बांध दिया गया था। उसकी आंखों पर पट्टी थी। दोनों हाथ पीछे की तरफ बंधे थे। दिल के ठीक ऊपर एक कपड़े का टुकड़ा लगाया गया था। ताकि गोली मारने वाले के लिए निशाना लगाना आसान हो। फिर उसे छाती पर गोली मार दी गई। UAE में सजा-ए-मौत देने का यही तरीका है।
यूएई में कानून है कि जिन्हें सजा-ए-मौत दी जाती है, उनकी लाश उनके देश वापस नहीं भेजी जाती। बल्कि वहीं उसके धर्म के हिसाब से अंतिम संस्कार कर दिया जाता है। शहजादी के परिवार को अबु धाबी बुलाया गया था। कहा था कि अगर परिवार चाहे तो वहां आ सकता है। पिता ने आर्थिक तंगी का हवाला देकर जाने में असमर्थता जाहिर की थी।
शहजादी खान के पिता शब्बीर अहमद ने आरोपी उजैर को क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल उठाया है। शब्बीर ने सरकार से इस पूरे प्रकरण में CBI जांच करने की मांग की है। उजैर वही शख्स है, जिस पर शहजादी को बेचने का आरोप है। यूपी पुलिस ने उसे जांच में निर्दोष करार दिया है।
परिवार को दी गई थी सजा-ए-मौत की जानकारी
28 फरवरी को इंडियन एंबेसी को शहजादी को फांसी दिए जाने की जानकारी मिली थी। 2 मार्च को एंबेसी ने परिवार को जानकारी दी। एंबेसी ने यह भी कहा कि UAE ने शहजादी का शव देने से मना कर दिया है। अगर परिवार चाहे तो वहां आ सकता है।
शहजादी पर 4 महीने के बच्चे की हत्या का आरोप था। वह 2 साल से अबु धाबी (UAE) की जेल में बंद थी। कोर्ट ने 4 महीने पहले उसे फांसी की सजा सुनाई थी। उसे UAE में 15 फरवरी को फांसी दी गई। विदेश मंत्रालय ने (3 मार्च) इसकी जानकारी दिल्ली हाईकोर्ट को दी। विदेश मंत्रालय ने कोर्ट को बताया था कि शहजादी का अंतिम संस्कार 5 मार्च को होगा। हालांकि उसे 6 मार्च को दफनाया गया।
पिता ने कहा- CBI जांच हो
शहजादी के पिता शब्बीर अहमद ने आरोपी उजैर को यूपी पुलिस की जांच में क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल उठाया है। सरकार से इस पूरे प्रकरण में CBI जांच करने की मांग की है। शहजादी के पिता ने यह भी मांग की है कि अबु धाबी में उनकी बेटी का जो सामान है, वह उन्हें दिलाया जाए।
शब्बीर अहमद ने कहा, ‘शहजादी को आगरा के उजैर ने दुबई भेजा था। बेटी को धोखे से दुबई ले जाकर उजैर के रिश्तेदारों को बेच दिया गया था।’ उन्होंने इस मामले में उजैर, उसके परिवार के खिलाफ धोखाधड़ी और मानव तस्करी की धाराओं में केस दर्ज कराया था। हालांकि, अब उत्तर प्रदेश पुलिस ने जांच के बाद उजैर और उसके परिवार को क्लीन चिट दे दी है।
मेरी बेटी ने कहा- मुझे इंसाफ दिलवाना
पिता ने बताया- इन अधिकारियों की वजह से मेरी लड़की की मौत हो गई। वहां से 28 तारीख को फोन आया था कि 15 तारीख को सुबह फांसी दे दी गई थी। हमे सरकार से कोई मदद नहीं मिली। हम आबू धाबी इसलिए नहीं गए क्योंकि न हमारे पास वीजा था और न किसी ने मदद नहीं की। हम सरकार से अब CBI जांच की मांग करते है। हमारी बेटी ने बोला था की मेरे जीते जी अगर इंसाफ मिल जाए तो ठीक, नहीं तो मरने के बाद तो इंसाफ दिलवाइएगा।
जानिए क्याा था पूरा मामला…
आगरा के रहने वाले उजैर ने शहजादी को दुबई में बेच दिया

शहजादी बांदा के मटौंध थाना क्षेत्र के गांव गोयरा मुगली की रहने वाली थी। दुबई जाने से पहले शहजादी सामाजिक संस्था ‘रोटी बैंक’ में काम करती थी। साल 2021 में उसका फेसबुक के जरिए आगरा में रहने वाले उजैर से संपर्क हुआ। उजैर ने झूठ बोल कर शहजादी को अपने प्रेम जाल में फंसा लिया। शहजादी का चेहरा एक साइड से बचपन में झुलस गया था।
उजैर ने चेहरा सही करवाने के लिए शहजादी को आगरा बुला लिया। इसके बाद उसे इलाज करवाने के नाम पर नवंबर, 2021 में दुबई में रहने वाले दंपती फैज और नादिया के हाथों बेच दिया। शहजादी तब झूठ बोलकर दुबई गई थी। दुबई में शहजादी को फैज और नादिया बहुत परेशान करते। उसने कई बार इंडिया आने का प्रयास किया, लेकिन वो लोग वापस नहीं आने दे रहे थे।
दुबई में शहजादी के साथ मारपीट होती थी
शहजादी ने पहले बताया था, वो दोनों उसको घर में बंद करके रखते थे। कभी बाहर नहीं निकलने देते, मारपीट करते। फैज और नादिया का एक 4 महीने का बेटा था। जो काफी बीमार रहता था। इसी बीच उसकी मौत हो गई। जिसका इल्जाम फैज और नादिया ने शहजादी पर लगा दिया। पुलिस केस हुआ और शहजादी को जेल भेज दिया गया।
15 दिन पहले अब्बू-भाई से की थी आखिरी बात

शहजादी ने 15 दिन पहले फोन पर अपने अब्बू-अम्मी से बात की थी। .यह 14 फरवरी की रात थी। सुबह शहजादी को फांसी दे दी गई।
फांसी से पहले उससे उसकी आखिरी इच्छा पूछी गई। उसने कहा- वह अपने माता-पिता से बात करना चाहती है। बांदा जिले में उसके घर पर फोन किया गया। शहजादी ने कहा- यह मेरी आखिरी कॉल है। अब इस कोर्ट- कचहरी के चक्कर में मत पड़ना। कैप्टन आए थे, उन्होंने बताया..टाइम नहीं है मेरे पास। उन्होंने हमें दूसरे रूम में रख दिया है।
2 साल से आप लोगों को नहीं देखा है। हम पर कोई कर्ज नहीं है। आप लोग बिल्कुल टेंशन मत लेना। हमारे साथ तो वैसे भी बहुत एक्सीडेंट हुए हैं। एक आखिरी एक्सीडेंट और हो रहा है, फिर कोई एक्सीडेंट नहीं होगा।
उसने आगे कहा- आप लोगों को मुझे भूलना पड़ेगा। हमें किसी से कोई शिकायत नहीं है। फोन कट जाएगा, उसके बाद आप लोग परेशान मत होना।
वहीं, शहजादी के अब्बू-अम्मी भी फोन पर रोते रहे। दोनों बेटी से माफी मांगते रहे। कहते रहे, हम तेरे लिए कुछ नहीं कर पाए। तुझको नहीं बचा पाए। क्या करें, जो बचा लें तुझको। तू वापस आ जा मेरी बच्ची।
पिता ने बताया शहजादी जब 8 साल की थी तब खाना बनाते वक्त उसके चेहरे पर खौलता पानी गिर गया था। इससे चेहरे पर जलने का निशान बन गया था। जिसकी वजह से उसमें कॉन्फिडेंस की कमी थी और वह इसे हमेशा के लिए खत्म करना चाहती थी।
शव भारत लाने की अपील खारिज
शहजादी को 15 फरवरी को फांसी दे दी गई और 6 मार्च को दुबई में ही दफना दिया गया। शहजादी के पिता ने शव को भारत लाने की अपील की थी, उसकी अपील को खारिज कर दिया गया। आखिरकार मोबाइल पर लाइव दिखाकर सुपुर्द-ए-खाक कराया गया।
पुलिस की जांच में आरोप निराधार
बांदा जिले के मटौंध थाना प्रभारी संदीप कुमार के अनुसार, शहजादी और उजैर के बीच दोस्ती थी और वह अपनी मर्जी से दुबई गई थी, उसके पास दो साल का वीजा भी था। पुलिस जांच में पाया गया कि जब तक वह वहां काम कर रही थी और सैलरी ले रही थी, तब तक कोई शिकायत नहीं की गई। वहीं फांसी की सजा मिलने के बाद ही मामला दर्ज कराया गया। पुलिस ने सभी तथ्यों की जांच के बाद आरोपियों को निर्दोष बताते हुए केस बंद कर दिया है।