— डीएम द्वारा वन भूमि हस्तांतरण के मामलों की समीक्षा
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
वन भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों पर वन विभाग के साथ समन्वय बनाएं। निर्धारित प्रपत्रों को उसके बाद भेजें, ताकि आपत्तियों से बच सकें और विकास कार्य प्रभावित नहीं होने पाएं।
मंगलवार को कलक्ट्रेट सभागार पर जिलाधिकारी रीना जोशी ने वन भूमि हस्तांतरण प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए उक्त बात कही। उन्होंने निर्देश दिए कि डंपिंग जोन अनिवार्य बना लें। मलबा आदि समय पर हट सकेगा। वन भूमि के प्रस्ताव लंबित नहीं रहेंगे। राजस्व, वन, सड़क के अधिकारी संयुक्त निरीक्षण करेंगे। लोनिवि कपकोट और बागेश्वर की छह सड़कों की क्षतिपूरक भूमि दिलाने का अनुरोध किया। यह भूमि वन पंचायतों में चयनित की जाएगी। प्रभागीय वनाधिकारी ने कहा कि सड़क की सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद पेड़ छपान और कटान होगा।
जिले में 137 विकास कार्यों के वन भूमि हस्तांरण प्रस्ताव हैं। 29 स्वीकृति हैं और 51 की सैद्धांतिक स्वीकृति है। बैठक में पुलिस अधीक्षक अमित श्रीवास्तव, प्रभागीय वनाधिकारी हिमांशु बागरी, अपर जिलाधिकारी सीएस इमलाल, अधिशासी अभियंता लोनिवि संजय पांडे, राजकुमार, ग्रामीण निर्माण विभाग रमेश चंद्रा, पेयजल निगम वीके रवि, विद्युत मुहम्मद अफजाल, पीएमजीएसवाइ विजय कृष्ण, सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कृष्ण चंद्र पलडिया आदि मौजूद थे।