लालकुआं। वन निगम अधिकारियों एंव ठेकेदारों की मिलीभगत से मॉडिफाई कर वाहनों का लोडिंग अनलोडिंग के कार्यों में इस्तेमाल रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। प्रदेश की जोरों टॉलरेंस सरकार को वन निगम डिपो के अधिकारी व ठेकेदार करोड़ों रूपये की चपत लगा रहे है।
ठेकेदार परिवहन विभाग की आंखों में धूल झोंकते हुए बिगत कई वर्षों से बिना टैक्स और मॉडिफाई कर वाहनों को लोडिंग अनलोडिंग के कार्यों में लगा रखा है। इस प्रकार प्रदेश सरकार को परिवहन विभाग की लाचार व्यवस्था को ठेकेदार पहुंचा रहे हैं करोड़ों रुपए के राजस्व का नुकसान।
वन विभाग की मिलीभगत से उक्त वाहन को पंजा लिखकर देता है एंट्री” साथ ही विभाग द्वारा रोड टैक्स भी काटा जाता है।
प्रभागीय वन केन्द्रों के आरक्षित वन क्षेत्रों में वाहनों के वर्जित होने के बाबजूद अधिकारियों एंव ठेकेदारों की मिलीभगत से बखूबी मॉडिफाई कर पंजे का इस्तेमाल किया जा रहा है। वन निगम अधिकारियों द्वारा ताक पर रखकर खेला जा रहा है मोटा खेल, ठेकेदार के भुगतान में नहीं होता है उक्त वाहन का जिक्र।