सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव व अल्मोड़ा के पूर्व जिलाधिकारी आईएएस केशव देसीराजू का 66 साल की आयु में चेन्नई में निधन हो गया है। उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस सेवा शुरू करने में उनकी सबसे अहम भूमिका रही है। जिस कारण प्रदेश में उनके योगदान को कभी भुलाया नही जा सकता।
उल्लेखनीय है कि पूर्व स्वास्थ्य सचिव केशव देसीराजू देश के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन के पोते व उत्तराखंड कैडर के आईएएस अफसर रहे हैं। वह 1978 बैच के आईएएस अधिकारी रहे हैं। उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की आज भी चर्चा होती है। बताया जाता है कि राजनेता चाहे कुछ भी कहें, लेकिन प्रदेश में 108 सेवा की शुरूआत उनकी ही रणनीति और दूरदर्शिता का परिणाम था। यही नही उत्तराखंड के भवाली में टीबी मरीजों के लिए बना सेनेटारियम यदि बिकने नही पाया तो इसमें भी उनकी बड़ी भूमिका रही थी।
वह वर्ष 2010 में उत्तराखंड से दिल्ली चले गए थे और केंद्र में वह सचिव स्वास्थ्य के पद पर नियुक्त हुए। देसीराजू ने स्वास्थ्य विभाग में 2010 में बतौर अतिरिक्त सचिव नियुक्ति ली थी। इसके बाद 2012 में उनकी पदोन्नति विशेष सचिव के तौर पर हुई थी। वे एक साल तक स्वास्थ्य सचिव रहे। इसके बाद स्वास्थ्य सचिव पद से वह उपभोक्ता मामलों के विभाग में भेजे गये। यहीं से वह 2016 में सेवानिवृत्त हुए। जिसके बाद वह Population Foundation of India के chairman बने।
केशव देसीराजू ने कभी शादी नही की और आजीवन अविवाहित ही रहे। केशव देसी राजू वर्ष 1988 से 1990 तक अल्मोड़ा जिले के जिलाधिकारी पद पर भी रहे। उनके निधन पर हर तरफ शोक की लहर दौड़ गई है। उनके द्वारा जीवन पर्यन्त किये गये जन हितकारी कार्यों के लिए उन्हें हमेशा याद किया जायेगा। सूत्र बता रहे हैं कि उन्हें Acute Coronary Syndrome था। एक ऐसी स्थिति होती है, जिसमें कोरोनरी आर्टरी में खून का दौरा अचानक ही कम हो जाता है। इस वजह से खून पर्याप्त मात्रा में दिल तक नहीं पहुंच पाता। जिस कारण व्यक्ति को स्ट्रोक, एंजाइना या फिर हार्ट अटैक आ सकता है। यह आमतौर पर कोरोनरी आर्टरी की दीवारों पर फैट जमा होने की वजह से होता है।