—सिविल जज (सीनियर डिविजन) अल्मोड़ा की अदालत का आदेश
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
अल्मोड़ा की सिविल जज (सीनियर डिविजन) रिंकी साहनी की अदालत ने एक लगभग डेढ़ लाख रुपये के एक वसूली वाद के मामले में आदेश पारित किया है। जिसमें मामले के प्रथम प्रतिवादी राज्य सरकार उत्तराखंड के विरुद्ध वाद को खारिज कर दिया। मामले में दो प्रतिवादी बनाए गए थे।
मामले के अनुसार वादी महेंद्र प्रताप सिंह जलाल, मैसर्स उत्तरांचल बिल्डर्स, लिंक रोड लोअर माल अल्मोड़ा ने मेडिकल कालेज अल्मोड़ा की चहारदीवारी के निर्माण का कार्य किया, लेकिन उन्हें इस राजकीय कार्य का 1,47,919 रुपये की धनराशि का भुगतान नहीं हो पाया। इस पर उन्होंने इस धनराशि की वसूली के लिए न्यायालय में वाद प्रस्तुत किया। मामले में दो प्रतिवादी बनाए थे। जिनमें प्रथम प्रतिवादी राज्य सरकार उत्तराखंड द्वारा जिलाधिकारी अल्मोड़ा तथा द्वितीय प्रतिवादी परियोजना प्रबंधक, यूपीआरएनएन राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड अल्मोड़ा हैं।
मामले पर न्यायालय ने कहा कि चूंकि द्वितीय प्रतिवादी परियोजना प्रबंधक, यूपीआरएनएन राजकीय निर्माण निगम लिमिटेड अल्मोड़ा द्वारा वैधानिक निविदा प्रकाशित की गई और निविदा के अनुसार वादी ने राजकीय कार्य किया। इसलिए इस कार्य के भुगतान का दायित्व द्वितीय प्रतिवादी का है। परिचर्चा के आधार पर न्यायालय ने कहा कि वादी, प्रथम प्रतिवादी राज्य सरकार उत्तराखंड से वांछित अनुतोष प्राप्त करने का अधिकारी नहीं है। न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए प्रथम प्रतिवादी के विरुद्ध यह वाद खारिज कर दिया। मामले में प्रथम प्रतिवादी राज्य सरकार उत्तराखंड की ओर से शासकीय अधिवक्ता (सिविल एवं राजस्व) पंकज लटवाल ने पैरवी करते हुए राज्य सरकार उत्तराखंड का पक्ष रखा और जवाब दाखिल किया।