—कुमाऊं और गढ़वाल की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है यह कौतिक
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
कुमाऊं और गढ़वाल की सांस्कृतिक एकता तथा श्रद्धालुओं की अगाध श्रद्धा व अटूट आस्था का प्रतीक प्रसिद्ध कोट भ्रामरी मेला संपन्न हो गया है। मेले में कुमाऊं व गढ़वाल के दूरदराज इलाकों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मेलार्थियों ने मेले में जमकर खरीदारी की। साथ ही पूजा अर्चना कर मां से मन्नतें मांगी।
चैत्र माह की अष्टमी को प्रतिवर्ष डंगोली स्थित मां भ्रामरी के प्रसिद्ध कोट मंदिर में एक दिवसीय मेला आयोजित किया जाता है। मेले में कुमाऊं व गढ़वाल मंडल के विभिन्न क्षेत्रों से मेलार्थियों की भारी भीड़ पहुंची। प्रातः होते ही मंदिर में श्रद्धालुओं का पहुंचना प्रारंभ हो गया तथा पूजा अर्चना प्रारंभ हो गई। मेले के चलते डंगोली तिराहे से मंदिर तक मेलास्थल को भव्य रूप से सजाया गया था। मेले में व्यवसाय के लिए भी दूरदराज से आए व्यापारियों ने जमकर व्यवसाय किया। मेलार्थियों ने भी जमकर खरीदारी की। मेले में शांति व्यवस्थाओं का समय-समय पर एसडीएम राजकुमार पांडे, तहसीलदार तितिक्षा जोशी, थानाध्यक्ष कैलाश सिंह बिष्ट, चौकी प्रभारी भूपाल सिंह आदि ने जायजा लिया।
देवी को चढ़ाया हरेला
नवरात्र व्रतधारियों ने मंदिर में पूजा अर्चना कर देवी भगवती को हरेला और नारियल चढ़ाया। साथ ही मां से हरियाली की कामना की। मंदिर में मां के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को लाइन लगानी पड़ी।