➡️ हर वीकेंड कैंचीधाम में उमड़ रही भीड़ बनी सरदर्द
➡️ रूट डायवर्ट से परेशान दिखे यात्री
➡️ स्थानीय ग्रामीणों को भी रोकने का आरोप
अल्मोड़ा/नैनीताल। आज शनिवार के रोज एक बार फिर कैंची धाम में पर्यटकों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। जाम से निपटने के लिए प्रशासन ने तीन दिवसीय रूट डायवर्ज किया है, लेकिन इससे स्थानीय नागरिकों में तीव्र रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि बाहर से आने वाले पर्यटकों की सुविधा के लिए आम जन को जब—तब परेशान किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में कभी मंदिर अपार आस्था का केंद्र होते थे, लेकिन वर्तमान में सरकारी पर्यटन नीति के चलते यह पिकनिक स्पॅाट में तब्दील होते जा रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि मंदिरों में आवश्यकता से अधिक भीड़ उमड़ने लगी है। पर्यटकों की आमद से भले ही सरकार को लाभ हो लेकिन स्थानीय जनता के लिए इनका आगमन परेशानियों का सबब बन चला है।
बता दें कि गत दिवस बैसाखी व अंबेडकर जयंती का अवकाश रहा। आज 15 अप्रैल को शनिवार है और कल 16 अप्रैल को रविवार का अवकाश है। जिस कारण यहां कैंची धाम में बड़ी संख्या में पर्यटक उमड़ पड़े।
इधर शासन—प्रशासन ने इस दौरान जाम की संभावनाओं को देखते हुए हल्द्वानी के साथ ही कैंची धाम मार्ग पर भी रूट डायवर्जन का आदेश जारी कर दिया। एसएसपी पंकज भट्ट के अनुसार यह व्यवस्था यात्रियों व पर्यटकों की सुविधा को लेकर लागू की गई है। इस रूट डायवर्जन के चलते हल्द्वानी से पहाड़ व पहाड़ से मैदानी क्षेत्रों को जाने वाले यात्री वाहनों को जगह—जगह रोक दिया गया।
अल्मोड़ा से हल्द्वानी आने वाले हल्के वाहनों को क्वारब से डायवर्ट कर वाया रामगढ़, भवाली रामगढ़ तिराहा से भीमताल होते हुए हल्द्वानी को भेजा जा रहा है। वहीं, हल्द्वानी से अल्मोड़ा जाने वाले हल्के वाहनों को भीमताल, भवाली रामगढ़ तिराहा (बैरियर) रामगढ़, क्वारब होते हुए अल्मोड़ा भेजा जा रहा है। अल्मोड़ा से रामनगर, काशीपुर, दिल्ली, देहरादून आदि को जाने वाले वाहनों को वाया खैरना पुल से डायवर्ट कर बेतालघाट होते हुए भेजा
भारी फजीहत, क्वारब में पुलिस से यात्रियों की बहस
आज शनिवार के रोज क्वारब में अल्मोड़ा से आगे जाने वाले वाहनों को रूट डायवर्जन के लिए रोका जा रहा था। इसी दौरान कई यात्रियों की पुलिस से तीखी बहस भी हो गई। यात्रियों का कहना था कि हल्द्वानी—भवाली—भीमताल जाने वालों के लिए रूट डायवर्जन करते वक्त बीच में पड़ने वाले गांवों की जनता के बारे में नैनीताल प्रशासन ने एक बार भी नहीं सोचा।
कहां जायेंगे बीच में पड़ने वाले दर्जन भर गांव के वाशिंदे !
यात्रियों का आरोप है कि क्वारब से आगे काकड़ीघाट, खीनापानी, नैनीपुल, जौरासी, सुयालबाड़ी, सिरसा, छड़ा, गरमपानी, खैरना आदि तमाम गांव पड़ते हैं। जिनमें एक बड़ी आबादी रहती है। वहीं काकड़ीघाट से द्वारसो मार्ग में कई गांव जुड़े हैं। इन इलाकों में जाने वाले यात्रियों को भी जबरन चौकी पुलिस द्वारा क्वारब में रोका जा रहा है। यात्रियों का आरोप है कि इनमें से स्थानीय गांवों में जाने वाली शादी की गाड़ियों व बीमारों तक पर जबरन रूट डायवर्जन थोपा जा रहा है।यात्रियों का कहना है कि क्वारब में रूट डायवर्ट करने की बजाए उन्हें कम से कम खैरना तक तो जाने देना चाहिए था। इससे यातायात भी कतई प्रभावित नहीं होता।
लोकल पब्लिक को नहीं पर्यटकों को रोकिये
अल्मोड़ा—हल्द्वानी रूट पर यात्रा करने वाले तमाम लोगों का यही कहना था कि शासन—प्रशासन को कैंची धाम इतनी बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों को रोना चाहिए। इसके बजाए पुलिस व प्रशासन मिल—बैठ कर अचानक रूट डायवर्जन जनता पर थोप देती है। पर्यटकों की सुविधा के लिए स्थानीय लोगों को परेशान करना कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। रूट डायवर्जन से प्रभावित यात्रियों का कहना था कि हर वीकेंड पर यही हाल हो रहा है। एक तरफ कोरोना फैलने लगा है, वहीं कैंची धाम में धार्मिक पर्यटन के बहाने विभिन्न राज्यों से लोग पिकनिक मनाने पहुंचने लगे हैं।