सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
प्रेमचंद जयंती के मौके पर सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शोध निदेशक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने जीआईसी नाई के हिंदी प्रवक्ता डाॅ. पवनेश ठकुराठी की शोध पुस्तक ‘प्रेमचंद के कथा साहित्य का सामाजिक-सांस्कृतिक अध्ययन’ का लोकार्पण किया।
इस मौके पर प्रो. जगत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रेमचंद हिंदी साहित्य में युग प्रवर्तक कथाकार के रूप में जाने जाते हैं। वे पहले ऐसे कथाकार हैं, जिन्होंने आम व्यक्ति को कहानियों व उपन्यासों के केंद्र में रखा। यही कारण है कि उनका साहित्य आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि डॉ. पवनेश द्वारा लिखी उक्त पुस्तक व्यापक विवेचन व विश्लेषण करती है।
पुस्तक के लेखक डाॅ. पवनेश ठकुराठी ने कहा कि प्रेमचंद के कथा साहित्य का सामाजिक-सांस्कृतिक अध्ययन एक शोध ग्रंथ है, जो प्रेमचंद के समग्र कथा साहित्य को केंद्र में रखकर लिखा गया है। इस ग्रंथ में प्रेमचंद द्वारा रचित 15 उपन्यासों और 301 कहानियों को अध्ययन का आधार बनाया गया है। उन्होंने दावा किया कि प्रेमचंद के समग्र कथा साहित्य को केंद्र में रखकर लिखा गया यह अपनी तरह का पहला ग्रंथ है। लोकार्पण कार्यक्रम में डाॅ. हयात सिंह रावत, ललित तुलेरा, चंदन पांडे, शशि शेखर जोशी, दीपा बिष्ट, दिग्विजय सिंह, महेंद्र सिंह आदि उपस्थित थे।