सीतारमण ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ की बजट-पूर्व चर्चा

नई दिल्ली | वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को यहां राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ…

Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली | वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को यहां राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ बजट-पूर्व चर्चा की।

बैठक में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोवा, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम के मुख्यमंत्री, बिहार, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और तेलंगाना के उप-मुख्यमंत्री, राज्य वित्त मंत्री और अन्य मंत्री, और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानसभा सहित) और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार अधिकांश मंत्रियों ने भारत सरकार की ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना’ की सराहना की और आगे सुधार के लिए कुछ सुझाव दिए। राज्यों के वित्त मंत्रियों ने केंद्रीय वित्त मंत्री को वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में शामिल करने के लिए कई बहुमूल्य सुझाव दिए, साथ ही कुछ राज्य-विशिष्ट अनुरोध भी किए।

सीतारमण ने विकास को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए समय पर कर हस्तांतरण, वित्त आयोग अनुदान और जीएसटी मुआवजे के बकाया के माध्यम से राज्यों को केंद्र सरकार के समर्थन को रेखांकित किया। ‘पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता की योजना’ के बारे में, सीतारमण ने कहा कि जबकि अधिकांश ऋण अनटाइड हैं, इसका एक हिस्सा राज्यों और क्षेत्र-विशिष्ट पूंजी परियोजनाओं द्वारा नागरिक-केंद्रित सुधारों से सशर्त जुड़ा हुआ है और राज्यों से अनुरोध किया कि वे अपेक्षित मानदंडों को पूरा करके इन ऋणों का लाभ उठाएं।

केंद्रीय वित्त मंत्री ने सभी प्रतिनिधियों को उनके इनपुट और सुझावों के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें केंद्रीय बजट 2024-25 की तैयारी के दौरान केंद्र सरकार द्वारा उचित विचार करने का आश्वासन दिया।

उल्लेखनीय है कि आम चुनाव में मद्देनजर इसबार फरवरी में अंतरिम बजट पेश किया गया था। आम चुनाव के बाद अब फिर से सीतारमण को वित्त मंत्रालय का कार्यभार मिला है और वे अब पूर्ण बजट की तैयारियां शुरू कर दी। नव निर्वाचित 18वीं लोकसभा का पहला सत्र 24 जून से शुरू होने जा रहा है। यह सत्र तीन जुलाई तक चलेगा जिसमें शुरू में लोकसभा के लिए निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलायी जाएगी और उसके बाद लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। इस सत्र में नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ, स्पीकर के चुनाव, राष्ट्रपति का अभिभाषण और उस पर चर्चा होगी। राज्यसभा का 264वां सत्र 27 जून से शुरू होगा और तीन जुलाई तक चलेगा।

ऐसी उम्मीद है कि संसद का यह सत्र दो चरणों में संपन्न हो सकता है। इसका दूसरा चरण 22 जुलाई से 9 अगस्त तक चल सकता है तथा इसी दौरान वित्त मंत्री बजट पेश करेंगी और इस पर चर्चा कर इसे पारित कराया जायेगा।


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