सितारगंज| सड़क हादसे में हुई मारपीट में घायल युवक की मौत के बाद उपजा आक्रोश अभी तक नहीं थमा है। युवक की मौत के दूसरे दिन भी सितारगंज कोतवाली के बाहर शव रखकर आक्रोशित ग्रामीणों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने स्वजनों को समझाकर शव का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी किया। वहीं, ग्रामीणों की मांग पर एसएसपी ने कोतवाल और एसएसआई हटा दिया है। ग्रामीण इन पर मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा रहे थे।
मारपीट में घायल हुआ था युवक
दरअसल, हल्द्वानी निवासी मृतक युवक के दादा मुन्नालाल ने आरोप लगाया था कि 14 नवंबर को उनका पोता अरुण पुत्र कृष्णपाल साथी अजय के साथ बाइक से जा रहे थे। तभी उनकी बाइक असंतुलित होकर किसी व्यक्ति से टकरा गई। इस दौरान कुछ लोगों ने अरुण और अजय के साथ मारपीट कर दी। मारपीट में अरुण जख्मी हो गया, जिसके बाद उसे हल्द्वानी के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी रविवार को मौत हो गई।
अरुण की मौत से स्वजन और ग्रामीण भड़क गए और उन्होंने सितारगंज कोतवाली के बाहर शव रखकर प्रदर्शन शुरू दिया। साथ ही सड़क भी जाम कर दिया। देर रात तक यहां प्रदर्शन चलता रहा। करीब पांच घंटे तक जिले के 6 थानों की फोर्स, पीएसी सुरक्षा की दृष्टि से मौके पर जुटी रहे। इस दौरान तीन बार सड़क से शव को हटाकर घर ले जाने के लिए आक्रोशित ग्रामीणों मना लिया गया, मगर कुछ बातों को लेकर बात फिर बिगड़ती रही। आखिरकार रात करीब 2:30 बजे सहमति के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला।
आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) ने ग्रामीणों की मांग पर कोतवाल भरत सिंह और वरिष्ठ उप निरीक्षक विनोद फर्त्याल को हटा दिया है। वहीं, पुलिस फोर्स तनावपूर्ण माहौल में आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है। अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कत्याल ने कहा कि आरोपितों के खिलाफ विधिक कारवाई की जा रही है।