नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने रूस-यूक्रेन युद्ध संकट में फंसे हजारों भारतीयों की सलामती, सुरक्षित वापसी एवं बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की मांग वाली याचिकाओं पर गुरुवार को कोई आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
शीर्ष अदालत की तीन सदस्यीय खंडपीठ की अध्यक्षता कर रहे मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमन ने शीघ्र सुनवाई की गुहार पर कहा, “अदालत क्या करेगी? क्या मैं रूस के राष्ट्रपति को युद्ध रोकने का निर्देश दे सकता हूं?”
एक याचिकाकर्ता का पक्ष रख रहे वकील ए. एम. दर द्वारा याचिका पर शीघ्र सुनवाई का उल्लेख करने पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “क्या मैं व्लादिमीर पुतिन से युद्ध रोकने के लिए कह सकता हूं? आप क्या चाहते हैं?” याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शीर्ष अदालत विद्यार्थियों की सुरक्षित वापसी के लिए निर्देश दे सकती है।
खंडपीठ ने कहा कि यूक्रेन- रूस संघर्ष से उत्पन्न संकट में फंसे विद्यार्थियों के प्रति उनकी सहानुभूति है, लेकिन वह इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं कर सकती। विशेष उल्लेख करने वाले वकील ने एक छात्र समेत अन्य 30 विद्यार्थियों को रोमानिया की सीमा से स्वदेश वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश देने की याचिका पर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई थी।
अल्मोड़ा ब्रेकिंग : SBI के uno app के जरिए धोखाधड़ी, खाते से साफ हुए 12 लाख, पढ़िये डिटेल
वकील विशाल तिवारी ने पिछले सप्ताह उच्चतम न्यायालय से केंद्र सरकार को तत्काल आवश्यक कूटनीतिक कदम उठाने के निर्देश देने की गुहार लगाई थी। उनकी ओर से दायर याचिका में यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर विशेष तौर पर चिंता व्यक्त की गई है। पढ़ाई एवं नौकरी तथा अन्य कार्यों से यूक्रेन गए लोगों के वहां से भारत लौटने की कोई व्यवस्था नहीं है। हजारों की संख्या में विद्यार्थी समेत अन्य लोग वहां फंसे हुए हैं। संकट के इस हालात में वहां के भारतीयों की सलामती से लेकर खान-पान एवं दवा- चिकित्सा की व्यवस्था का एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे हालात में केंद्र सरकार कूटनीतिक माध्यम से आवश्यक कदम उठाएं ताकि समय पर जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
रुद्रपुर : पुलिस लाईन में कार्यरत पुलिसकर्मी का निधन, पुलिस परिवार ने दी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि
याचिकाकर्ता ने युद्ध की स्थिति को देखते हुए मेडिकल क्षेत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की है। सरकार को विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई एवं शिक्षा से संबंधित सुविधाएं मुहैया कराने के लिए आवश्यक निर्देश देने की गुहार लगाई गयी है।
याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा, उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था एवं उनकी बुनियादी जरूरतों का ख्याल रखना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। सरकार इससे नहीं बच सकती। उल्लेखनीय है कि लंबे समय से चल रहे है आपसी विवाद के बाद रूस ने पिछले दिनों यूक्रेन पर हमला बोल दिया था । रोज-रोज आ रही गोलाबारी की खबरों से यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के परिजन यहां उनकी सलामती को लेकर बेहद चिंतित हैं।
उत्तराखंड ब्रेकिंग : झील में मिली लाश, हड़कंप, काफी मशक्कत के बाद हुई शिनाख्त