रानीखेत : कुछ नेपाली श्रमिकों के उत्पात से जनता हलकान, आए दिन मारपीट-गाली गलौज

⏩ संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से डीएम को भेजा ज्ञापन

सीएनई रिपोर्टर, रानीखेत
रानीखेत के गांधी चौक में आए दिन कुछ नेपाली श्रमिकों द्वारा आपस में मारपीट व हंगामा किये जाने से शहर की शांति व्यवस्था भंग हो रही है। शहर के तमाम व्यापारियों ने संयुक्त मजिस्ट्रेट के माध्यम से जिलाधिकारी को इस आशय का ज्ञापन भेजा है।
संयुक्त मजिस्ट्रेट जय किशन के माध्यम से भेजे गए ज्ञापन में कहा गया है कि कुछ नेपाली मजदूरों द्वारा सरेआम आये दिन गांधी चौक रानीखेत में लड़ाई—झगड़े, गाली— गलौज एवं अवमर्यादित भाषा का उपयोग कर अशांति फैलाई जा रही है। होटलों में आपस में यह लोग शराब पीकर अकसर गाली—गलौज किया करते हैं। इस दौरान डंडे, पत्थर आदि से भी एक—दूसरे पर हमला करते हैं। ऐसी दशा में बाजार में बच्चे, महिलाओं व अन्य राहगीरों को काफी दिक्कत महसूस होती है।
उन्होंने बताया कि गत 11 जुलाई को रानीखेत में इनकी आपसी पत्थरबाजी के दौरान महाविद्यालय कि कुछ छात्राओं को भी चोट लग गई। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से नेपाली श्रमिक दीपक राणा, भीम बहादुर एवं इनके अन्य साथी इस तरह की हरकतें करते हैं। सुरेन्द्र उपाध्याय नाम का नेपाली श्रमिक भी नशे की हालत में प्रातः 8 बजे से देर रात तक गांधी चौक क्षेत्र में उत्पात मचाता रहता है। इनकी शिकायत कई बार पुलिस—प्रशासन को दी गयी, लेकिन पुलिस द्वारा इन्हें कुछ देर थाने में बैठाने के बाद छोड़ दिया जाता है। कोई भी ठोस कार्यवाही नहीं होने से इनके हौंसले बुलंद हैं।
उन्होंने कहा कि एक आरोपी दीपक राणा पहले भी अल्मोड़ा कारागार में सजा काट चुका है। व्यापारियों ने जिलाधिकारी से इस मामले में उत्पात मचाने वाले नेपाली श्रमिकों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। ज्ञापन की प्रतिलिपि कोतवाल रानीखेत को भी दी गई है। ज्ञापन देने वालो में अजय बबली, नीरज तिवारी, पूरन भगत, भाष्कर कपिल, गौरव तिवारी, विनय तिवारी, सुरेन्द्र साह, गोपाल नाथ गोस्वामी आदि शामिल थे।