लेह। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार सुबह यहां पहुंचे। राजनाथ सिंह लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं। गलवान घाटी में 15-16 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच संघर्ष के बाद रक्षा मंत्री पहली बार लेह आये हैं। वह चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे के साथ लेह हवाई अड्डे पर पहुंचे।
इससे पहले राजनाथ सिंह ने ट्विटर पर लिखा, “दो दिन के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के दौरे पर रहूंगा। इस दौरान मैं सीमा पर स्थिति की समीक्षा के लिए सीमावर्ती इलाकों में जाऊंगा और वहां सैन्य बलों से मुलाकात कर स्थिति की5 जानकारी लूंगा।” आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह इस दौरान देश की सैन्य तैयारियों का जायजा लेंगे और समग्र स्थिति की समीक्षा करेंगे। सूत्रों ने कहा कि यह यात्रा ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन अपनी सीमा पर संघर्ष समाप्त करने के लिए एक अंतिम रूपरेखा बना रहे हैं।
रक्षा मंत्री पहले तीन जुलाई को लद्दाख जाने वाले थे, लेकिन उनका कार्यक्रम स्थगित हो गया था, हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी दिन सभी को आश्चर्यचकित करते हुए देश की दृढ़ता का संकेत देने के लिए लद्दाख का दौरा किया था। उन्होंने सैनिकों को भी संबोधित किया और उन सैनिकों से मुलाकात की थी, जो गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ संघर्ष में घायल हो गए थे।
सूत्रों ने बताया कि राजनाथ सिंह सेना के वरिष्ठ कमांडरों से एलएसी और अन्य सुरक्षा संबंधी मामलों की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी लेंगे।
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वह जनरल नरवणे, सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल योगेश कुमार जोशी, 14वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह और सेना के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे।सूत्रों ने कहा कि राजनाथ सिंह का एलओसी और जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर का दौरा करने का कार्यक्रम है।