👉 अपनी मांगों के लेकर गुरिल्ले मुखर, जोरशोर से उठा रहे मांगें
सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ाः पूर्व निर्धारित कार्यक्रमानुसार आज यहां अल्मोड़ा के प्रसिद्ध चितई गोलज्यू मंदिर से गुरिल्लों एसएसबी स्वयंसेवक की जनजागरण रथ यात्रा का आगाज हो गया। यह रथयात्रा चितई से पेटशाल व बाड़ेछीना होते हुए दन्या की तरफ बढ़ी।
बाड़ेछीना व पनुवानौला में सभाओं को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज भी देश को गुरिल्लों की उतनी ही आवश्यकता है, जितनी सन् 1963 में एसएसबी के गठन के समय थी। गुरिल्लों के पनुवानौला से संबंध को याद करते हुए एसएसबी स्वयंसेवक संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी ने कहा यहां एसएसबी का क्षेत्रीय संगठक का कार्यालय होता था, जिसके माध्यम से वर्ष 1963 से लेकर वर्ष 2000 तक हजारों स्थानीय युवाओं को गुरिल्ला प्रशिक्षण के लिए ग्वालदम और पौड़ी भेजा गया। समय-समय पर कई पुनर्बाेधात्मक प्रशिक्षण दिये गये, किंतु गुरिल्लों की तरह ये कार्यालय भी बीरान हो गये हैं।
उन्होंने कहा कि सीमाओं पर उभर रहे आतंकवादी व अलगाववादी ताकतों की सरकार को जांच करानी चाहिए कि कहीं गुरिल्ला सुरक्षा प्रणाली खत्म करने से यह समस्या तो पैदा नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सीमाओं से पलायन हुआ है, सीमावर्ती इलाके जनशून्य हो रहे हैं। ये बड़े खतरे का संकेत है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने गुरिल्लों को उनके गांवों में ही रोजगार देकर सरकार सीमाओं से पलायन रोका जा सकता है। यात्रा में आज केन्द्रीय अध्यक्ष ब्रह्मानंद डालाकोटी, जिलाध्यक्ष शिवराज बनौला, विजय जोशी, बसंत लाल, शेर सिंह, बिशन सिंह नेगी, रामपाल, केडी पांडे, नवीन कुमार, भूपाल सिंह, गोपाल राम व राजन राम आदि शामिल रहे।