बागेश्वर। जिले में अगले महीने होने वाले उत्तरायाणी मेले को लेकर जिला पंचायत ने प्रशासन के निर्णय के उलट प्रस्ताव पास कर दिया है। प्रस्ताव में कहा गया है कि चूंकि यह मेला स्थानीय लघु व कुटीर उद्योगों से जुड़े के लिए संजीवनी के समान होता है इसलिए जिपं प्रशासन को इस मेले को अपने स्तर पर कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। आज बैठक में उपस्थित सदस्यों ने कहा कि मेले का आयोजन न होने से सैकड़ों स्थानीय लोगों के पेट पर लात पड़ेगी।
जिला पंचायत की बैठक में जिला चिकित्सालय व बैजनाथ सीएचसी में चिकित्सालय में चिकित्सकों के बाहर की दवाइयां व टेस्ट लिखने पर भी नाराजगी व्यक्त की।
जिपं अध्यक्ष बसंतीदेव की अध्यक्षता में हुई आज की बैठक में ऐठानी ने सदस्यों के साथ मेले के आयोजन पर चर्चा की। इस चर्चा में भाग लेते हुए सदस्योे ने कहा कि उत्तरायणी मेला जिले का सबसे बड़ा व आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण मेला होता है।यदि इस मेले का आयोजन नहीं हुआ तो स्थानीय लोगों की आजीविका पर सीधा असर पड़ेगा। सदस्यों ने कहा कि मेला जिपं प्रशासन खुद अपने स्तर से आयोजित करना चाहिए। सदन ने इस प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान कर दी।
बैठक में प्रत्येक सदस्य को विकास कार्यों के लिए 5-5 लाख रूपये का बजट व अध्यक्ष को 20 लाख रूपये का बजट आवंटित किया। बैठक में सदस्य वंदना ऐठानी, गोपा धपोला, रूपा कोरंगा, चंदन मेहता, नवीन कुमार आदि उपस्थित थे।
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