नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 72वें जन्मदिन (17 September) के मौके पर नामीबिया से भारत लाए गए 8 चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय प्राणी उद्यान में छोड़ा। भारत में आखिरी बार 1948 में चीता देखा गया था। सरकार ने 1952 में इसे भारत में विलुप्त प्राणी घोषित कर दिया था। मिशन चीता प्रोजेक्ट के तहत चीतों को फिर से भारत में लाकर पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित बनाने का प्रयास मोदी सरकार कर रही है। इसके तहत नामीबिया से 8 चीते आए हैं, जिसमें 5 नर और 3 मादा हैं। आगे 12 और चीते दक्षिण अफ्रीका से आने वाले हैं, जिन्हें देश के किसी अन्य वन अभयारण्य में छोड़ा जाएगा।
नामीबियाई चीतों को एक विशेष कार्गो विमान से आज सुबह ग्वालियर में भारतीय वायुसेना एयरबेस लाया गया। यहां से वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से इन्हें कूनो वन अभयारण्य लाया गया। पीएम मोदी ने बटन दबाकर पिजड़ों का दरवाजा खोला और चीतों को कूनो नेशनल पार्क में बने क्वारंटीन बाड़ों में रिहा किया। पहले एक महीने तक ये चीते क्वारंटीन बाड़ों में रहेंगे, जहां इनके भोजन और पानी का इंतजाम किया जाएगा। इस दौरान इनकी मॉनिटरिंग भी होती रहेगी। जब ये भारत की जलवायु में घुल-मिल जाएंगे तो इन्हें मुख्य कूनो वन अभयारण्य में छोड़ दिया जाएगा।
आज चीता दशकों बाद हमारी धरती पर वापस आए हैं, मैं सभी भारतीयों को बधाई देना चाहता हूं : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में नामीबियाई चीतों को छोड़ने के बाद अपने संबोधन में कहा, आज चीता दशकों बाद हमारी धरती पर वापस आए हैं। इस ऐतिहासिक दिन पर मैं सभी भारतीयों को बधाई देना चाहता हूं और नामीबिया की सरकार को भी धन्यवाद देना चाहता हूं। यह उनकी मदद के बिना संभव नहीं हो सकता था।
कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा : PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- कुनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों को देखने के लिए देशवासियों को कुछ महीने का धैर्य दिखाना होगा, इंतजार करना होगा। आज ये चीते मेहमान बनकर आए हैं, इस क्षेत्र से अनजान हैं। कुनो नेशनल पार्क को ये चीते अपना घर बना पाएं, इसके लिए हमें इन चीतों को भी कुछ महीने का समय देना होगा। अंतरराष्ट्रीय गाइडलाइन्स पर चलते हुए भारत इन चीतों को बसाने की पूरी कोशिश कर रहा है।
कूनो में प्रधानमंत्री के लिए 10 फीट ऊंचा प्लेटफॉर्मनुमा मंच बनाया गया था। इसी मंच के नीचे पिंजरे में चीते थे। PM ने लीवर के जरिए बॉक्स को खोला। चीते बाहर आते ही अनजान जंगल और अपने नए घर में सकपकाए। सहमते कदमों के साथ इधर-उधर नजरें घुमाईं और चहलकदमी करने लगे। लंबे सफर की थकान साफ दिख रही थी।
चीतों के बाहर आते ही PM मोदी ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। मोदी ने कुछ फोटो भी क्लिक किए। 500 मीटर चलकर मोदी मंच पर पहुंचे थे। उनके साथ राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी थे। उन्होंने चीता मित्र दल के सदस्यों से भी बात की।
8 चीतों में 2 सगे भाई भी
दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया विश्वविद्यालय में प्रो. एड्रियन ट्रोडिफ ने बताया कि भारत आए 8 चीतों में दो सगे भाई हैं। इनकी उम्र ढाई से साढ़े पांच साल के बीच है। चीते की औसत उम्र 12 साल होती है।
बड़े मांसाहारी वन्यप्राणी की दुनिया में पहली शिफ्टिंग
बड़े मांसाहारी वन्यप्राणी की शिफ्टिंग की यह दुनिया की पहली परियोजना है। जिन चीतों को पार्क के क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा गया, इन्हें लाने के लिए भारत और नामीबिया सरकार के बीच 20 जुलाई 2022 को एग्रीमेंट हुआ था।
लालकुआं से बड़ी खबर : भारी बारिश के चलते गिरी पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस की बिल्डिंग