
नई दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पाइसजेट के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अजय सिंह को 22 सितंबर तक क्रेडिट सुइस को 500,000 डॉलर के साथ-साथ डिफॉल्ट राशि के एक मिलियन डॉलर का भुगतान करने का निर्देश देते हुए चेतावनी दी कि कर्ज नहीं चुकाने पर वह तिहाड़ जेल जाने के लिए तैयार रहे।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह ने क्रेडिट सुइस और स्पाइसजेट के बीच 2015 से लगभग 24 मिलियन डॉलर के बकाए को लेकर चल रहे कानूनी विवाद की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया।
पीठ ने चेतावनी दी कि यदि उसके आदेश पर निर्धारित तिथि तक अमल नहीं किया गया तो अजय सिंह को तिहाड़ जेल भेजा जा सकता है। शीर्ष अदालत इस मामले की अगली सुनवाई 22 सितंबर को करेगी। शीर्ष अदालत ने सिंह को मामले की हर सुनवाई के दौरान अदालत में उपस्थित रहने को भी निर्देश दिया।
क्या है मामला?
स्विट्जरलैंड बेस्ड कंपनी SRT टेक्निक्स (क्रेडिट सुइस) के साथ स्पाइस जेट ने साल 2011 में विमान इंजन के मेंटेनेंस के लिए 10 साल की डील की थी। साल 2013 में क्रेडिट सुइस ने स्पाइसजेट पर समय पर पेमेंट नहीं करने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज किया था।
मामले की सुनवाई करते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने स्पाइसजेट को 2021 तक बंद कर देने का आदेश दे दिया था। हाइकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ स्पाइसजेट ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की थी। इसके बाद SC ने इस मामले को दोनों पक्षों को आपसी सहमती से सुलझाने को कहा था।
मई 2022 में क्रेडिट सुइस और एयरलाइन के बीच समझौता हुआ था। जिसके तहत स्पाइसजेट को एडवांस पेमेंट और बकाया पेमेंट के रूप में करीब 199 करोड़ रुपए क्रेडिट सुइस को एक निश्चित समय के भीतर देने की बात हुई थी।