नई दिल्ली। राज्यसभा में रविवार को विपक्ष के भारी हंगामें के बीच कृषि सुधारों के दो विधेयकों ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020’ तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020’ को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और इसके साथ इन दोनों विधेयकों पर संसद की मुहर लग गयी।
लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी हैं। ये दोनों विधेयक जून में जारी किये गये दो अध्यादेशों का स्थान लेंगे।
इन विधेयकों में किसानों को मंडी से बाहर कहीं भी मनमानी कीमत पर अपनी फसलों की बिक्री की आजादी दी गयी है। इसके साथ ही अनुबंध कृषि का प्रावधान किया गया है। इससे अधिक मूल्य मिलने वाली फसलों की खेती बढ़ेगी और अत्याधुनिक कृषि तकनीक को बढ़ावा मिल सकेगा। कृषि एवं किसान मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चार घंटे की चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को बंद नहीं किया जाएगा और इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी आश्वासन दिया है।
इन विधेयकों से किसानों को अपनी उपज बेचने के दो विकल्प उपलब्ध होंगे। इन विधेयकों में किसानों को मंडी से बाहर कहीं भी मनमानी कीमत पर अपनी फसलों की बिक्री की आजादी दी गयी है। इससे अधिक मूल्य मिलने वाली फसलों की खेती बढ़ेगी और अत्याधुनिक कृषि तकनीक को बढ़ावा मिल सकेगा।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाना चाहती है और उन्हें फसलों की बुआई के समय ही उसकी उचित कीमत का आश्वासन दिलाने का प्रयास कर रही है। विधेयकों को पारित कराने की प्रक्रिया के दौरान सदन में विपक्ष ने भारी हंगामा जिसके सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित भी करनी पड़ी।