सीएनई रिपोर्टर, अल्मोड़ा
मिठाई की वैधता तिथि को लेकर नगर व्यापार मंडल की रानीखेत मंडल के साथ आयोजित सामूहिक बैठक में सरकारी आदेश को मिष्ठान विक्रेताओं के हितों के विपरीत बताते हुए लघु व्यापारियों के शोषण—उत्पीड़न की जबरिया थोपी गई कार्रवाई करार दिया गया।
यहां एक रेस्टोरेंट में हुई बैठक में वक्ताओं ने कहा कि शासन ने ऐसा आदेश जारी करने से पूर्व न तो मिठाई विक्रेताओं से कोई राय ली और ना ही किसी किस्म की छूट ही प्रदान की है। बैठक में तय हुआ कि दोनों नगरों के व्यापार मंडल संयुक्त रूप से व्यापारी हित की लड़ाई लड़ेंगे। वक्ताओं ने यह भी कहा कि कोविड-19 में जहां एक तरफ व्यापारी का व्यापार और आर्थिक स्थिति बिल्कुल ही कमजोर हो गई है, वहीं सरकार द्वारा नए—नए नियम निकालकर बेवजह छोटे व्यापारियों का शोषण किया जा रहा है। मिठाई व्यापारियों के तो प्रतिष्ठान लगभग 5 महीने तक बंद ही रहे, कुछ को तो अपना रोजगार बदल देने को मजबूर होना पड़ा। यही हाल रेस्टोरेंट व अन्य व्यापार का है। ऐसे में सरकार मदद न करके नए—नए नियम थोप रही है। उन्होंने सीधे कहा कि वह किसी भी थोपे गए नियम का विरोध करेंगे। बैठक में अल्मोड़ा व्यापार मंडल अध्यक्ष सुशील साह, रानीखेत व्यापार मंडल अध्यक्ष भगवत बिष्ट, सचिव अल्मोड़ा मयंक बिष्ट, उपाध्यक्ष रानीखेत दीपक अग्रवाल, व्यापारी पवन साह, भगवान लटवाल, सोनू सिद्दीकी आदि मौजूद थे।