देहरादून। करोड़ों रूपये के छात्रवृत्ति घोटाले में एक और जालसाज कल रात एसआईटी के हत्थे चढ़ गया। इस पर एक करोड़ 21 लाख 44हजार से भी ज्यादा की छात्रवृत्ति के गोलमाल का आरोप है। यह घोटाला अंकुर राणा नामक चालबाज ने वर्ष 2014-15 और 2015-16 सत्रों में किया। अंकुर राणा त्रिवेणी इंस्टीट्यूट औफ मैनेजमेंट एजूकेशन का निदेशक है। यह संस्थान में बागपत जिले के दौला गांव में स्थापित होने का दावा किया गया था। दौला गांव दिल्ली एनसीआर के अंतरगत आता है। एसआई के जांच अधिकारी राजीव उनियाल व आरक्षी वसीम अहमद ने कल रात सवा 11 बजे उसे गिरफ्तार कर लिया।
ब्रेकिंग न्यूज: किसान आंदोलन में घुसपैठिये का उत्तराखंड कनेक्शन, पुलिस के पास पहुंचते ही अपनी पुरानी बात से मारी पलटी
एसआईटी ने आज अंकुर राणा की गिरफ्तारी को लेकर बाकायदा प्रेस नोट जारी करके बताया है कि त्रिवेणी इंस्टीट्यूट औफ मैनेजमेंट एजूकेशन के दस्तावेजों में जितने भी विद्याथियों के खातों में छात्रवृत्ति दिए जाने का ब्योरा दिया गय था उनमें से एक भी छात्र ने इस संस्थान में पढ़ने की बात स्वीकार नहीं की है। यही नहीं इस संस्थान का नाम एक भी छात्र ने पहले नहीं सुना। जांच में पाया गया कि छात्रों के खातों में डाली गई धनराशि बाद में अंकुर राणा के खाते में डाल दी गई। एसआईटी के अनुसार अंकुर राणा ने अपना अपराध स्वीकार भी कर लिया है।