नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन, अभी ट्रेंट और वोल्टास के प्रमुख हैं

मुंबई | रतन टाटा के निधन के बाद ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई…

Noel Tata becomes chairman of Tata Trust

मुंबई | रतन टाटा के निधन के बाद ग्रुप के सबसे बड़े स्टेक होल्डर ‘टाटा ट्रस्ट’ की कमान सौतेले भाई नोएल टाटा को मिल गई है। शुक्रवार को मुंबई में हुई मीटिंग में नोएल के नाम पर सहमति बनी है। नोएल टाटा अपने पारिवारिक संबंधों और ग्रुप की कई कंपनियों में भागीदारी के कारण टाटा की विरासत को आगे बढ़ाने के लिए एक मजबूत दावेदार थे। नोएल टाटा पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं।

अभी समूह की सबसे बड़ी कंपनी टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन हैं। 2017 में उन्होंने इसकी कमान थामी थी। लेकिन इससे भी ऊपर टाटा ट्रस्ट है, जिसकी कमान टाटा परिवार के सदस्य ही संभालते रहे हैं। निधन से पहले तक रतन ही टाटा ट्रस्ट के प्रमुख थे।

नोएल, एक आयरिश नागरिक, उनके तीन बच्चे

40 से ज्यादा साल से ग्रुप से जुड़े नोएल ने यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स से पढ़ाई की है। उनकी पत्नी आलू मिस्त्री हैं और दोनों की 3 संतानें हैं। नोएल ने टाटा इंटरनेशनल से अपने करियर की शुरुआत की। 1999 में टाटा ग्रुप में अपना करियर शुरू किया। ग्रुप की रिटेल शाखा ट्रेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर बनाए गए। इसे उनकी मां सिमोन ने शुरू किया था।

2010-11 में उन्हें टाटा इंटरनेशनल का चेयरमैन बनाया गया। इसके बाद उनके ग्रुप के चेयरमैन बनाए जाने पर चर्चा शुरू हो गई। इस बीच सायरस मिस्त्री ने खुद टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाए जाने की बात कही। इसके बाद सायरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटा दिया गया और रतन टाटा ने ग्रुप की कमान संभाली। 2018 में उन्हें टाइटन का वाइस चेयरमैन बनाया गया और 2017 में उन्हें ट्रस्ट के बोर्ड में शामिल किया गया।

नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन, अभी ट्रेंट और वोल्टास के प्रमुख हैं

2014 में बने थे ट्रेंट के चेयरमैन, शेयर 6000% बढ़ा

2014 से वे ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन हैं। ट्रेंट जुडियो और वेस्टसाइड की ओनर है। इनकी लीडरशिप में पिछले 10 साल में कंपनी के शेयरों में 6,000% से ज्यादा की तेजी आई है। नोएल की लीडरशिप ने कंपनी ने ऐसे समय में अपने कर्मचारियों और स्टोर्स की संख्या बढ़ाई है जब उसके मार्केट पीयर्स कम हो रहे थे।

₹13.8 लाख करोड़ के रेवेन्यू वाले ग्रुप में टाटा ट्रस्ट की 66% हिस्सेदारी

टाटा ट्रस्ट की अहमियत और आकार इस तरह समझ सकते हैं कि यह टाटा ग्रुप की परोपकारी संस्थाओं का समूह है। ये 13 लाख करोड़ रुपए के रेवेन्यू वाले टाटा ग्रुप में 66% की हिस्सेदारी रखता है। टाटा ट्रस्ट में सर रतन टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और एलाइड ट्रस्ट शामिल हैं। गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य देखभाल और शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने वाले ये ट्रस्ट, रतन टाटा की विरासत का अभिन्न अंग हैं।

नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के चेयरमैन

टाटा संस और टाटा ट्रस्ट दोनों के चेयरमैन रहे रतन

टाटा ग्रुप के इतिहास में रतन टाटा ऐसे आखिरी व्यक्ति रहे, जिन्होंने टाटा संस और टाटा ट्रस्ट दोनों के चेयरमैन की भूमिका निभाई। कंपनी के आर्टिकल ऑफ एसोसिएशन में 2022 में संशोधन किया गया, जिसमें एक ही व्यक्ति के दोनों पद पर रहने पर रोक लगा दी गई। ऐसा गवर्नेंस में स्ट्रक्चर में बदलाव लाने के लिए किया गया।

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