सीएनई रिपोर्टर
नेपाल में लापता जहाज का मलबा कोबान गांव के मुस्टांग में मिला है। नेपाली सेना घटनास्थल पर पहुंचने के प्रयास में हैं। इस हादसे में 04 भारतीयों सहित कुल 25 लोगों में से किसी के भी जीवित होने की उम्मीद बहुत कम है।
जोमसोम एयरपोर्ट के ट्रैफिक कंट्रोलर से मिली जानकारी के अनुसार दुर्घटना के वक्त घासा में जबरदस्त धमाका भी सुनाई दिया था। पहले इस विषय में कोई पुष्टि नहीं हुई थी, लेकिन अब कोबान गांव के मुस्टांग में विमान का मलबा मिलने से इस आशंका को बल मिला है कि यह प्लेन मंजिल में पहुंचने से पूर्व ही क्रैश हो गया था।
ज्ञात रहे कि आज रविवार को नेपाल में अचानक एक प्लेन लापता होने से हड़कंप मच गया है। यह विमान तारा एयरलाइन की फ्लाइट 9NAET थी। सुबह करीब 10 बजे इस प्लेन का संपर्क कट गया था। लेटस्ट खबर यह है कि शाम को मुस्तांग इलाके के कोबन में प्लेन का मलबा मिल चुका है। यह दुर्भाग्यशाली विमान पोखरा से जोमसोम जा रहा था, जो कि करीब 30 साल से भी पुराना था।
जानकारी के अनुसार सुबह 9 बजकर 53 मिनट पर विमान ने पोखरा के लिए उड़ान भरी, इसे मुस्तांग के जोमसोम हवाई अड्डे पर उतरना था। यह छोटी सी उड़ान सिर्फ 25 मिनट की थी। बताया गया है कि उड़ान के मात्र 15 मिनट बाद एटीसी का संपर्क कट गया। सुबह 10 बजकर 55 मिनट पर इसके लापता होने की सूचना आई।
यह लोग थे प्लेन में सवार —
इस पूरे घटनाक्रम में दोपहर 1.30 बजे प्लेन में सवार यात्रियों की सूची सार्वजनिक हो पाई। जिसमें बताया गया कि इसमें सवार 04 भारतीयों में अशोक कुमार त्रिपाठी, धनुष त्रिपाठी, रितिका त्रिपाठी और वैभवी त्रिपाठी थे ये परिवार मुंबई का था और नेपाल में घूमने गया था। अन्य यात्रियों में इंद्र बहादुर गोले, पुरुषोत्तम गोले, राजन कुमार गोले, बसंत लामा, गणेश नारायण श्रेष्ठ, रवीना श्रेष्ठ, रश्मि श्रेष्ठ, रोजिना श्रेष्ठ, प्रकाश सुनुवर, मकर बहादुर तमांग, राममाया तमांग, सुकुमाया तमांग, तुलसी देवी तमांग, अशोक, माइक ग्रीट, उवे विल्नर विमान में सवार थे।
बाद में बताया गया कि प्लेन में कैप्टन बसंत लामा भी पैसेंजर के तौर पर सवार हैं, जो कि पेशे से पायलट हैं। वे एयरलाइन के इसी प्लेन को उड़ाते थे। चार फ्लाइट उड़ाने के बाद थक गए थे। जिस कारण उन्होंने दूसरे साथी को प्लेन हैंडओवर किया और छुट्टियां मनाने के लिए टिकट लेकर जोमसोम जा रहे थे।
ऐसे हुई मलबे की खोज —
नेपाल सेना का एक हेलीकॉप्टर नागरिक उड्डयन विभाग के कर्मचारियों को लेकर नरशंग मठ के पास एक नदी के किनारे उतरा। यहां दुर्घटना की संभावना थी। नेपाल टेलीकॉम ने ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) नेटवर्क के जरिए प्लेन के कैप्टन प्रभाकर घिमिरे के सेलफोन को ट्रैक किया। उसके बाद हवाई जहाज का पता लगाया गया। कैप्टन घिमिरे का सेलफोन बज रहा था। शाम 4 बजे प्लेन के क्रैश होने की पुष्टि हुई।