नारायणसामी की सरकार गिरी, क्या विपक्ष बनाएगा सरकार या लगेगा राष्ट्रपति शासन?

नई दिल्ली। दक्षिण भारत के एकलौते केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी की सत्ता भी कांग्रेस ने गवां दी है। पुडुचेरी में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के…

नई दिल्ली। दक्षिण भारत के एकलौते केंद्र शासित राज्य पुडुचेरी की सत्ता भी कांग्रेस ने गवां दी है। पुडुचेरी में कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद अल्पमत में आई नारायणसामी की अगुवाई वाली कांग्रेस-डीएमके गठबंधन सरकार विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर सकी। सोमवार को स्पीकर ने ऐलान किया कि सरकार के पास बहुमत नहीं है और सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। ऐसे में वी नारायणसामी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। अब देखना होगा कि विपक्ष क्या सरकार बनाता है या फिर पुडुचेरी में राष्ट्रपति शासन लगाया जाएगा?

कांग्रेस और डीएमके के एक-एक विधायकों ने रविवार को इस्तीफा दे दिया जबकि चार विधायक पहले ही साथ छोड़ चुके हैं। राज्य में कांग्रेस विधायकों के लगातार हो रहे इस्तीफे से वी नारायणसामी की अगुवाई वाली यूपीए सरकार अल्पमत में आ गई है। पुडुचेरी के उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने विधानसभा में सोमवार शाम पांच बजे तक बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था, लेकिन उससे पहले ही सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाई। सदन में चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायकों को पार्टी के प्रति वफादार होना चाहिए। साथ ही उन्होंने पूर्व राज्यपाल और केंद्र सरकार पर विपक्ष के साथ साठगांठ करने का आरोप लगाया।

पुडुचेरी में 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 15 सीटें आई थी, लेकिन पार्टी ने डीएमके और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से सरकार बनाया था। लेकिन पांच साल के बाद कांग्रेस के एक-एक कर विधायकों के इस्तीफे से पार्टी का सियासी समीकरण पूरी तरह गड़बड़ा गया। रविवार को कांग्रेस के के. लक्ष्मीनारायणन और डीएमके के वेंकटेशन के इस्तीफा दे देने से सत्तारूढ़ गठबंधन समर्थक विधायकों की संख्या घटकर 12 हो गई जबकि विपक्ष के पास 14 विधायक हैं।

राज्य की विधानसभा में कुल 33 सदस्य हैं, जिनमें 30 निर्वाचित और तीन मनोनीत सदस्य होते हैं। हालांकि, 5 कांग्रेस, 1 डीएमके विधायक के इस्तीफे और 1 विधायक के आयोग्य करार दिए जाने के बाद कुल 26 सदस्य हैं। ऐसे में नारायणसामी सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कम से कम 14 विधायकों के समर्थन की दरकार थी, लेकिन इस आंकड़े को हासिल नहीं कर सकी।

नारायणसामी के नेतृत्व वाली सरकार के पक्ष में कांग्रेस के 9, डीएमके के 2 और एक निर्दलीय विधायक के समर्थन को मिलाकर संख्या 12 पर ही पहुंच सकी है जबकि विपक्ष के साथ AINRC के 7, AIADMK के चार और तीन बीजेपी के मनोनीत सदस्य मिलाकर 14 के आंकड़े को जोड़े रखने में सफल रहे. ऐसे में सीएम नारायणसामी सरकार फ्लोर टेस्ट की परीक्षा पास नहीं कर सकी और इसके साथ ही उनकी सरकार गिर गई है। अब सवाल ये है कि विपक्ष क्या पुडुचेरी में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी कि नहीं।

पुडुचेरी में विपक्ष के पास सरकार बनाने भर का नंबर हासिल है। हालांकि, अप्रैल-मई में ही राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे देखते हुए सरकार बनाने का फैसला होता है या फिर नहीं यह विपक्ष के ऊपर निर्भर करेगा। विपक्ष अगर सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगा तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला उपराज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन कर सकते हैं।


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