नालागढ। उपमंडल के तहत आने वाली घड़ायच पंचायत की एक 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला के सामने सरकारी आवास योजना के तहत बना नई समस्याएं लेकर आया है। घर की इस अकेली महिला को दो जून की रोटी भी नसीब नहीं है और ऐसे वक्त में पंचायत ने उसका नाम बीपीएल की सूची से भी हटा दिया है। अब महिला अपने साथ हो रही नाइंसाफी को लेकर एसडीएम दरबार में जा पहुंची है। मामले की गंभीरता को समझते हुए एसडीएम महेंद्र सिंह गुर्जर ने इस प्रकरण की जांच के लिए बीडीओ से आख्या मांगी है।
मामला है घड़ायच पंचायत के बणी गांव का जहां रहने वाली 70 वर्षीय रामप्यारी की कोई संतान नहीं है। पति दिलाराम की भी अरसे पहले मौत हो चुकी है। पंचायत ने उन्हें बीपीएल कार्ड दिया। इस बीच उनका सरकारी आवास योजना में मकान बनना शुरू हुआ और यहीं से उसकी मुसीबतें शुरू हो गई। महिला को उम्मीद थी कि सरकारी योजनाओं के लाभ के साथ उसका बुढ़ापा ठीक से कट जाएगा लेकिन जब वह वृद्धावस्था पेंशन के आवेदन के लिए प्रधान के पास गई तो पता चला कि उसका नाम तो आठ महिने पहले ही बीपीएल लिस्ट से काट दिया गया है।
रामप्यारी यह सुनकर ठगी सी रह गई। उसने एसडीएम को दी गई शिकायत में बताया है कि उसे बताया गया है कि उसका नाम बीपीएल लिस्ट से काट कर उसकी जगह वार्ड पंच रचना देवी के परिवार का नाम उसमें जोड़ दिया गया है। जबकि रचना के पति के पास ट्रक भी है। रामप्यारी का कहना है कि उसके घर के बाहर लगे बोर्ड पर अभी भी बीपीएल लिखा गया जबकि रचना के घर के बाहर बीपीएल का बोर्ड नहीं लगा है। महिला ने पंचायत सचिव व प्रधान से रिश्वत मांगने के आरोप भी लगाए हैं।
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इस बारे में जब हमने ग्राम पंचायत घड़याच के पंचायत प्रधान गोविंद शर्मा से बात की तो उसने अपने ऊपर लगे आरोपों को नकारते हुए कहा कि रामप्यारी का मकान बना दिया गया है और उसका नाम बीपीएल से काट दिया गया है गोविंद ने अपने ऊपर बुजुर्ग महिला द्वारा लगाए गए मकान की किश्त के 10 हजार मांगने की बात से भी इंकार किया है।
गोविंद ने इस बात को भी कबूला है कि महिला के घर से अभी तक बीपीएल का बोर्ड लोक डाउन था इसलिए नहीं हटाया गया है और जिस व्यक्ति का बीपीएल कार्ड में नाम डाला गया है उसके घर पर भी अभी बोर्ड इन्हीं कारणों से नहीं लगाया जा सका है। उधर पंखयत सचिव भी कुछ इस तरह की बात कह रहे हैं।
जो भी मामले की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कुछ स्पष्ट कहा जा सकेगा।