नैनीताल। मानसून की पहली बारिश ने पहाड़ से लेकर मैदान तक अपना रूप दिखा दिया है। बारिश से पहाड़ों में भूस्खलन देखने को मिल रहा हैं तो वहीं मैदानी इलाकों में नदियां उफान पर चल रही हैं। बारिश ने आम जन जीवन अस्त व्यस्त कर दिया हैं। इधर बारिश के चलते नंधौर नदी उफान है।
बारिश ने रोक दी ठंडी सड़क की आवाजाही
नैनीताल में बीते 2 दिनों से हो रही बारिश के चलते जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है, नैनीताल में कई जगहों पर भूस्खलन के बाद खतरे को भांप प्रशासन ने ठंडी सड़क पर आवाजाही प्रतिबंधित कर दिया है। बुधवार दोपहर पाषाण देवी मंदिर के पास ठंडी सड़क की पहाड़ी से बड़ा बोल्डर सड़क पर आ गिरा। इससे राहगीरों में भय का मौहोल बना हुआ है।
डीएम ने दिए आदेश
इधर पहाड़ी में भूस्खलन की आशंका को देखते हुए जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने ठंडी सड़क को अग्रिम आदेशों तक पैदल आवाजाही के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।
आपको बता दें कि पिछले साल बरसात में इस पहाड़ी में जबरदस्त भूस्खलन हुआ था जिसके चलते डीएसबी परिसर का छात्रावास खतरे की जद में आ गया था। बरसात खत्म होने के बाद जिला प्रशासन ने लाखों रुपये खर्च कर पहाड़ी का अस्थाई ट्रीटमेंट किया लेकिन वह भी बाद में हुई बारिश की भेंट चढ़ गया। तब लगभग छह माह तक ठंडी सड़क में पैदल आवाजाही पूरी तरह से बंद रही थी।
बुधवार को इस क्षतिग्रस्त पहाड़ी में फिर से भूस्खलन हुआ और एक बोल्डर सड़क तक आ पहुंचा। बोल्डर के गिरने से पहाड़ी के निचले हिस्से में लगाई गई सुरक्षा जाली भी क्षतिग्रस्त हो गई।
पहाड़ी में हो रहे भूस्खलन के चलते डीएसबी परिसर का छात्रावास फिर से खतरे की जद में है। डीएम गर्ब्याल ने बताया कि क्षतिग्रस्त पहाड़ी में भूस्खलन की आशंका और जानमाल की सुरक्षा को देखते हुए अग्रिम आदेशों तक ठंडी सड़क में आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है।
पहाड़ों पर हुई बारिश से नंधौर नदी उफान पर आ गई है, नंधौर की बाढ़ से क्षेत्र को बचाने के किया गया डायवर्जन कार्य भी बह गया जिससे नदी का रुख चोरगलिया क्षेत्र की ओर हो गया है।
नंधौर नदी ने दुबेलभीडा, आमखेड़ा गांव में भू कटाव शुरू कर दिया है जिससे ग्रामीणों में भय बना हुआ हैं। वन क्षेत्राधिकारी नंधौर सुनील कुमार ने कहा कि पानी कम होने पर पुन: डायवर्जन कराया जाएगा।