रामनगर | मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के तहत कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के सर्पदुली रेंज से पकड़ी गई बाघिन की ढेला रेस्क्यू सेंटर में मौत हो गई। पोस्टमार्टम के बाद बाघिन का शव नष्ट कर दिया गया। अधिकारी इसे स्वाभाविक मौत बता रहे हैं।
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) निदेशक डॉ. धीरज पांडेय का कहना है आठ जुलाई 2022 को मानव वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के चलते सर्पदुली रेंज से बाघिन पकड़ी गई थी। बाघिन को ढेला रेस्क्यू सेंटर में रखा गया था। शुक्रवार रात बाघिन की मौत हो गई थी। बाघिन की उम्र 11 वर्ष के आसपास थी। वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. दुष्यंत शर्मा, पश्चिमी वृत्त के पशु चिकित्सक डॉ. राहुल सती के संयुक्त पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इस दौरान ढेला रेंजर अजय कुमार ध्यानी, एनटीसीए के नामित सदस्य कुंदन खाती, ललित अधिकारी, सिद्धार्थ रावत, हरपाल सिंह आदि रहे।