देहरादून| उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 33 पर्यटक स्थलों पर हेलीपैड और हेलीपोर्ट बनाए जाएंगे। मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने समीक्षा बैठक में अधिकारियों को रामनगर, मसूरी, नैनीताल और हरिद्वार जैसे पर्यटक स्थलों में प्राथमिकता के आधार पर काम शुरू करने के निर्देश दिए।
सोमवार को सचिवालय में आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में चारधाम के अलावा प्रदेश की खूबसूरती और आबोहवा से पर्यटन क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटकों के पास पैसा तो है, पर समय का अभाव है। जिसके चलते ऐसे पर्यटक यहां आने से बचते हैं।
मुख्य सचिव ने ऐसे पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए प्रदेश में अधिक से अधिक हेलीपोर्ट्स और हेलीपैड्स बनाए जाने के निर्देश दिए। राज्य में जॉय राइड्स की काफी संभावनाएं हैं। इसके साथ ही हिमालय दर्शन जैसी योजनाओं को अधिक से अधिक स्थानों से संचालित किया जाए। उन्होंने हेलीपोर्ट और हेलीपैड के लिए निविदाएं रद्द होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि टेंडर करते समय ग्राउंड रियलिटी के अनुसार रेट तय किए जाएं।
मुख्य सचिव ने कहा कि हेलीपोर्ट और हेलीपैड का मास्टर प्लान बनाते समय भविष्य की संभावनाओं और आवश्यकताओं को देखते हुए योजना की जाए। इन हेलीपोर्ट और हेलीपैड्स का ट्रैफिक प्लान अगले 20, 25, 50 साल के ट्रैफिक को ध्यान में रखते बनाया जाए। भूमि चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि हमारे उद्देश्य की पूर्ति हो। इसके लिए वाजिब दाम पर निजी भूमि को खरीदा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि रामनगर में हेलीपैड और हेलीपोर्ट की अधिक संभावनाएं है। उन्होंने डीएम नैनीताल को इस पर प्राथमिकता के पर काम करने निर्देश दिए। मसूरी, नैनीताल और हरिद्वार जैसे पर्यटक स्थलों में दो या उससे अधिक हेलीपोर्ट या हेलीपैड बनाए जाएं।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कुल 83 हेलीपैड हैं। जिसमें 51 सरकारी और 32 प्राइवेट हैं। 22 हेलीपैड का काम चल रहा है। इस मौके पर सचिव नागरिक उड्डयन दिलीप जावलकर, उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण के सीईओ सी. रविशंकर मौजूद थे।
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