—एकाएक तापमान में वृद्धि, संकट में वन्य जीव
सीएनई रिपोर्टर, बागेश्वर
वन क्षेत्र धरमघर के चीड़ के वन आग की चपेट में आ गए हैं। वन विभाग की टीम ने चौकोड़ी कंपाट नंबर 13 और 19 में लगी आग पर काबू पा लिया है। वहीं, जिले के अन्य वन भी आग से धधक रहे हैं। जिसके कारण तापमान में एकाएक वृद्धि हो गई है। पारा 33 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। वातावरण में धुंआ फैलने से लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। वन्य जीव संकट में है और वह गांवों, शहरों का रुख करने लगे हैं।
बीते सोमवार की रात अराजक तत्वों ने चौकोड़ी के जंगलों को आग के हवाले कर दिया। आग की ज्वाला तेज हो गई। कंट्रोल रूम सक्रिय हो गया और वन कर्मी, वाचर आग बुझाने के लिए निकले। लेकिन पत्थरीली भूमि होने के कारण वह सुबह तक आग बुझाने में जुटे रहे। जिसके कारण वनों को काफी नुकसान पहंच गया। रेंजर नारायण दत्त पांडे ने बताया कि सीधे पहाड़ और पत्थरीली भूमि में आग बुझाना सबसे अधिक कठिन होता है। पत्थर, पेड़ आदि गिरने का भय रहता है। जिसके कारण आग को ऊपर से नीचे की तरफ बुझाया जाता है। उन्होंने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है। क्षेत्र में लगभग 10 प्रतिशत वन बाज के हैं। जहां अभी आग नहीं लगी है। इन जंगलों को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। यदि बाज के जंगलों में आग लगी तो उसे बुझाना मुश्किल हो जाता है। वह कई दिनों तक सुलगते रहते हैं। टीम में कैलाश चंद्र जोशी, सुरेंद्र सिंह डसीला, अशोक गोस्वामी, भूपेंद्र सिंह लसपाल, मनोहर पंचपाल आदि शामिल थे।