हल्द्वानी। लॉकडाउन के चलते सभी लोग अपने घरों में परिवार के साथ समय बिता रहे हैं। ऐसे में पति—पत्नी के बीच तनाव पैदा हो जाना आम बात है। मनोचिकित्सक डॉ. नेहा शर्मा का कहना है कि शुरू में जब लॉकडाउन शुरू हुआ था तो लोग अपने घरों में भागदौड़ की जिंदगी से हटकर आराम, मनोरंजन व खुशी को इंजाय कर रहे थे लेकिन समय गुजरने के साथ अब घरों में बाहर का तनाव लोगों के दिलो दिमाग पर असर करने लगा है अत: छोटी—छोटी बातों में पति—पत्नी के झगड़ों के मामले या तो पुलिस तक पहुंचने लगे हैं या फिर तनाव बढ़ने पर आत्मघाती कदम उठाने लगे हैं। वे बताती हैं कि टेलीफोनिक परामर्श के जरिए उन्हें आभास हो रहा है ऐसे मामलों की संख्या दिनोदिन बढ़ती जा रही है। डॉ. नेहा का कहना है कि पति—पत्नी के झगड़े आपसी समझ या कहें तो पर्सनेलिटी डिसआर्डर की वजह से होते हैं। जिसमें पति या पत्नी में से एक वैवाहिक जीवन में सामंजस्य नहीं बना पा रहा होता है। डॉ. नेहा ने कुछ ऐसे सुझाव व मनोवैज्ञानिक तरीके बताये हैं जिसको अपनाने से वैवाहिक जीवन कठिन परिस्थितियों में भी आनंददायक बना रहता है।
- पति—पत्नी को एक दूसरे से बातचीत तो करनी ही चाहिए, एक—दूसरे को सुनने व समझने का प्रयास भी करना चाहिए।
- एक—दूसरे का सम्मान करें व उनकी बातों को महत्व दें।
- बातचीत बिगड़े या बहस में तब्दील हो तो पति—पत्नी में से कोई भी समझदारी का परिचय देते हुए चुप हो जाए।
- कभी—कभी एक—दूसरे के कार्यों व व्यवहार का गहराई से मूल्यांकन न करें।
- पति हो या पत्नी दोनों को ही शारिरिक, मानसिक व भावनात्मक रूप से मजबूत होना चाहिए जिससे वे एक—दूसरे के व्यवहार व बातचीत को सहन कर सकेंगे।
- अगर आपके रिश्ते में कोई परेशानी हो तो उन लोगों से बात करें जो आपकी परवाह करते हैं और आपके रिश्तों को तरजीह देते हैं।
- साथ में गुजरे अच्छे समय और पुरानी अच्छी यादों को ताजा करें।
- स्वयं का ख्याल रखें व अपने रिश्तों की इज्जत करें।
- यदि कोशिश करने के बाद भी पति—पत्नी के बीच तनाव घट नहीं रहा है तो मनोचिकित्सक या साइकोथेरेपिस्ट से परामर्श लें।