बागेश्वर। उत्तराखंड में लोग कोरोना से ज्यादा सरकारी फैसलों से परेशान हैं। कब सरकार क्या फैसला ले और कब वापिस ले ले ये किसी को नहीं मालूम। इसका सबसे बुरा असर गरीबों या छोटे छोटे व्यापारियों पर पड़ रहा है। आज सुबह से ही हर जगह लॉक डाउन की चर्चा है। सही जानकारी किसी के पास नहीं है। दोपहर में मीडिया से बातचीत में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वे अधिकारियों के साथ शनिवार व रविवार के लॉकडाउन के प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं।
इसके बारे में दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे।इसी बात पर बागेश्वर के छोटे व्यापारी बढ़े परेशान नजर आ रहें है। वे पूरी तरह किंकर्तव्यविमूढ़ हैं। बागेश्वर में जिला अस्पताल के पास बागनाथ जूस कॉर्नर चलाने वाले प्रसाद दंपति भी इस लॉक डाउन की बात सुन परेशान हैं। उन्होंने ने बताया कि आज ही उन्होंने ने पांच हज़ार के फल रखे है। कल अगर पूर्ण बंदी हुईं तो भारी नुकसान होगा। अगर सरकार पहले बता देती तो कम से कम ये माल तो नहीं खरीदते।
वहीं दूसरी ओर मीट मार्केट में मुर्गा और मछली बेचने वाले तस्लीम खान की भी कुछ ऐसी ही परेशानी है। उन्हें भी मछली ख़राब होने का डर सता रहा है। सुभाष पाण्डेय मनकोट में होटल चलाते है। वे भी हर आने जाने वाले से लॉक डाउन के बारे में पूछ रहें है। उन्होंने बताया कि सुबह भट्ट के डुबके बनाने के लिए शाम को भट्ट भिगाने होते हैं, लेकिन लॉक डाउन की बात ने असमंजस में डाल दिया है। जैसे तैसे गुजारा हो रहा है। सोचा कुछ समय में मार्केट ठीक हो जायेगा। लेकिन फिर लॉक डाउन सुन चिंता सताने लगी है। कांडा बागेश्वर मार्ग में घिंघारतोला में पहाड़ी सब्जी बेचने वाले हरीश ने बताया कि कल सुबह ही ग्रामीण सब्जी ले कर दुकान में आ जायेंगे।
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अगर लॉक डाउन हुआ तो सब्जी खराब होना तय है। फोन करके उन्हें सूचना भी दे तो नेटवर्क ऐसे की फ़ोन भी नहीं लगता। जो भी गरीबों का पीसना तो तय है। सरकार क्या देख कर नीतियाँ तय करती है ये तो वहीं जाने।जानकारी के अनुसार लॉकडाउन प्रयोग के तौर पर पहले इसी सप्ताह के अंतिम दो दिन यानि कल व परसों के लिए ही लगाया जाएगा। यदि कोरोना पर कुछ नियंत्रण लग सका तो इसे अगले सप्ताहों के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।