बिंदुखत्ता न्यूज : पीएम मोदी के जन्मदिन पर वामपंथियों ने निकाला कैंडल मार्च

मोटाहल्दू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर मोदीराज में बेरोजगारी से तंग आ चुके देश के बेरोजगार युवाओं के आव्हान पर राष्ट्रीय बेरोजगारी…

मोटाहल्दू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के मौके पर मोदीराज में बेरोजगारी से तंग आ चुके देश के बेरोजगार युवाओं के आव्हान पर राष्ट्रीय बेरोजगारी दिवस मनाया गया और कार रोड बाजार बिन्दुखत्ता में देर शाम शारीरिक दूरियों का पालन करते हुए छात्र संगठन आइसा और युवा संगठन आरवाईए की ओर से कैंडल मार्च निकाला गया।
इस अवसर पर हुई संक्षिप्त सभा को संबोधित करते हुए भाकपा(माले) एरिया सचिव ललित मटियाली ने कहा कि नरेंद्र मोदी इस देश के पहले प्रधानमंत्री हैं जिनके कार्यकाल में रोजगार की स्थिति इतनी बुरी हो चुकी है कि सैकड़ों बेरोजगार आत्महत्या कर चुके हैं। मोदीराज में नए रोजगार सृजन की बात तो दूर पहले से भी जो रोजगार के अवसर मौजूद थे उसको भी खत्म किया जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के कारण आज देश ऐतिहासिक संकट के दौर से गुजर रहा है। सरकार की बेतुका नोटबंदी, अतार्किक जीएसटी के कारण पहले से तबाही झेल रहे देश के छात्र-नौजवान, किसान, खेतिहर मजदूर, छोटे-मध्यम कारोबारी, बिना प्लानिंग के लॉकडाउन के कारण और भी तबाह हो गए हैं। हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा करके सत्ता में आयी मोदी सरकार ने केंद्र सरकार के लाखों पदों को खत्म कर दिया है। सरकारी उद्यमों रेल, बैंक, बीमा, एलआईसी, रक्षा क्षेत्र की कंपनियों, कोयला , तेल, बिजली, विमानपत्तन समेत राज्यों के सरकारी विभागों में निजीकरण को तेजी से लागू कर सरकारी क्षेत्र में रोजगार को खत्म कर देने की कोशिश मोदी सरकार कर रही है। भारतीय रेलवे को बेचने के प्लानिंग के साथ ही सरकार ने रेलवे के 50 प्रतिशत पदों को खत्म कर दिया। रेलवे में जहां 50 हजार बहाली हर साल होती थी जो पुराने पदों के अनुसार 6 साल में कम से कम 3 लाख लोगों को अभी तक नौकरी मिल जानी चाहिए थी उसका हाल ये है की पिछले 6 साल में मात्र 1.5 लाख पदों पर बहाली के लिए आवेदन लिया गया है लेकिन अभी तक इसकी कोई परीक्षाएं नहीं ली गई है। साथ ही साथ जिस आवेदन का शुल्क पहले 50 रुपया हुआ करता था अब बढ़ा कर उसे 500 रुपया कर दिया गया। सीबीआईटीसी (सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस) में करीब 38586 (42 प्रतिशत) पद खाली हैं। 2019 में सीजीएल 2017 के 1650 पदों को खत्म कर दिया गया। इसके अलावा दिल्ली पुलिस, आयकर विभाग, सेंट्रल एक्साइज विभाग, जल आयोग, कॉर्पोरेट अफेयर्स, प्रत्यक्ष कर विभाग, सांख्यकी मंत्रालय, रक्षा विभाग, गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, कैग में लाखों पद खाली हैं।
बेरोजगारों की ओर से बोलते हुए तुषार कोहली ने कहा कि उत्तराखंड राज्य में लाखों सरकारी पद खाली पड़े हुए हैं। सरकार भर्ती तो निकालती है लेकिन भर्ती की परीक्षा सालों साल लटका दी जाती है अगर परीक्षा हो भी गई तो परिणाम सालों साल लटका दिए जाते हैं । बेरोजगार को ठगने के लिए सरकार आये दिन भर्ती की खबर छपवाती है लेकिन ये भर्तियां अखबार के पन्नो तक ही सीमित रह जाती है। फॉर्म भरने के नाम पर छात्रों से फीस के नाम पर ठगी करना जैसे सरकार का मुख्य काम बन गया है। सिविल इंजीनिरिंग, शिक्षा समेत हर विभाग में सेकड़ो पद राज्य में खाली पड़े हुए हैं। इंजीनियरिंग क्षेत्र में पढ़ाई करने वाले बेरोजगारों की स्थिति और ज्यादा खराब हो चुकी है। बैकलॉग के पदों को खत्म करने की साजिश के तहत उनमें के सालों से भर्ती ही नही की गई है।
इस दौरान आइसा की ओर से धीरज और आरवाईए कि ओर से विनोद ने संबोधित किया।
कैंडल मार्च के माध्यम से मांग की गई कि केंद्र व राज्य के लाखों पदों पर भर्ती तुरन्त शुरू की जाए, जिन भर्तियों की परीक्षा हो गई है उनका रिजल्ट तुरन्त घोषित किया जाए और जिन पदों पर विज्ञप्ति जारी हो चुकी है उनकी परीक्षा तुरन्त की जाए, मनरेगा का दायरा बढ़ाकर निर्माण क्षेत्र में बेरोजगार हो चुके श्रमिकों को राहत प्रदान की जाए, निजीकरण पर तुरन्त रोक लगाई जाए। जब तक रोजगार नही मिलता तब तक सरकार बेरोजगारों को दस हजार रुपये मासिक भत्ता दे। इन मांगों को लेकर आगे भी बेरोजगारों का आंदोलन तेज किया जाएगा
इस दौरान ललित मटियाली, तुषार कोहली, मयंक, प्रमोद, कमल,सचिन वर्मा, जितेंद्र, विनोद, शिवा, हरीश टम्टा, ललित, प्रकाश, सूरज , किशन, यश कुमार, आशीष कोहली, विकास सक्सेना, धीरज जग्गी, शंकर, अनिल, विजयपाल, गोपाल गड़िया, किशन बघरी, नैन सिंह कोरंगा, भाष्कर कापड़ी, राजेन्द्र शाह आदि लोग मौजूद थे।

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