शिमला : नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और हिमाचल के पूर्व डीजीपी अश्वनी कुमार का अंतिम संस्कार
शिमला। नागालैंड के पूर्व राज्यपाल और हिमाचल के डीजीपी रहे अश्वनी कुमार ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। अश्वनी कुमार का शव शिमला में स्थित उनके निजी आवास पर फंदे से लटका मिला। अश्वनी कुमार सीबीआई के चीफ भी रह चुके हैं। उनके पास से पुलिस को सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। जिसमें लिखा है कि “जिंदगी से तंग आकर अगली यात्रा पर निकल रहा हूं”।
आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनकी अंतेष्टि संजौली शमशान घाट में की गई। इससे पहले उनके शव का पोस्टमार्टम आईजीएमसी में किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, कांग्रेस पूर्व मंत्री जी. एस. बाली, सुखविंदर सुख्खू, ऊर्जा मंत्री सुख राम चौधरी, पुलिस प्रमुख कुंडू, सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।
अश्वनी कुमार एक सरल स्वभाव, मृदुभाषी व क़ाबिल अफ़सर रहे है। उनके नज़दीकी रहे नेता व अफ़सर उनके जाने से जहां स्तब्ध है वहीं उनकी कमी महसूस कर रहे हैं।
अश्वनी कुमार मूल रूप से हिमाचल के सिरमौर जिले के नाहन के रहने वाले थे। 1973 बैच के आईपीएस थे। रिटायर होने के बाद लॉकडाउन के दौरान वे मुंबई में थे, लेकिन पिछले कुछ समय पहले वह अपने घर शिमला आ चुके थे।
अश्वनी कुमार अगस्त 2008 से नवंबर 2010 के बीच सीबीआई के निदेशक रहे। मार्च 2013 में उन्हें नगालैंड का राज्यपाल बनाया गया था। वर्ष 2014 में उन्होंने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया था। इसके बाद वह शिमला में एक निजी विश्वविद्यालय के वीसी भी रहे। अब सबके जहन में सिर्फ़ एक ही सवाल है कि आखिरकार इतनी बड़े-बड़े ओधों पर रहे अश्वनी कुमार ने ऐसा ख़ौफ़नाक कदम क्यों उठाया?
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