➡️ भाजपा पर लगाया झूठा श्रेय लेने का आरोप
अल्मोड़ा। कांग्रेस पूर्व ब्लाक अध्यक्ष लमगड़ा दीवान सतवाल ने जागेश्वर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत दन्या—आरासल्पड़ सहित सभी स्वीकृत मार्गों पर हर्ष जाहिर करते हुए इसे पूर्व विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल के अथक प्रयासों का परिणाम बताया है। साथ ही उन्होंने भाजपा पर उक्त सड़क मार्गों को लेकर झूठा श्रेय लेने का आरोप भी लगाया है।
जारी बयान में कि सतवाल ने कहा कि जागेश्वर विधान सभा के अंतर्गत चार सड़क मार्गों की स्वीकृति हुई है। इनमें डामरीकरण/सुधारीकरण के लिये पी.एम.जी.एस.वाई अल्मोड़ा को बजट स्वीकृतहुआ है। इन मार्गों में दन्या–आरासल्पड़ मार्ग, जैंती-पीपली मार्ग, थुआसिमल-चायखान मार्ग, भनोली-जैंती मोटर मार्ग शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि उक्त सभी सड़कों की मांग जनता द्वारा दो-तीन वर्षों से लगातार उठाई जाती रही थी। आरा सल्पड़ जैसे मोटर मार्गों के लिये कई बार धरना, प्रदर्शन, ज्ञापन देने का काम तत्कालीन विधायक गोविन्द सिंह कुंजवाल जी के नेतृत्व में हुआ।
तहसील के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किए गए थे। साथ ही उनके द्वारा कई बार पत्रों के माध्यम से उक्त मोटर मार्गों के डामरीकरण के लिये लिखित रूप में दिया गया था। उक्त सड़कों के बजट स्वीकृत होने पर विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों व यू.आर.डी.ए. के अधिकारियों को बार-बार बजट की मांग करते हुए डी.पी.आर. भेजने के लिये सूचित भी किया।
सतवाल ने कहा कि उन्हें विदित हुआ है कि राजनैतिक गलियारों में भाजपा कार्यकर्ता अपने प्रतिनिधि को व सरकार को इसका श्रेय देने की चर्चा कर रहे हैं। वह यह साफ कह देना चाहते हैं कि भाजपा सरकार के लगातार छह वर्ष पूर्ण हो चुके हैं। एक भी नया शासनादेश अभी तक इस सरका ने जागेश्वर विधान सभा में नहीं किया गया है। जबकि लमगड़ा ब्लाक की दो छोटी सड़के जाखाधार से गणाऊं सीम- दाड़िमी तक दूसरी जाजर बैंण्ड से तल्ली भांगादेवली मोटर मार्ग की प्रथम चरण की स्वीकृति कांग्रेस सरकार द्वारा दे दी गयी थी।
अर्थात पिछले कार्यकाल में गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा इन सड़कों की भूमि को भारत सरकार से भूमि हस्तान्तरण भी कर लिया गया था। अब तक 6 वर्ष उपरान्त भी इन सड़कों का निर्माण नहीं हो पाया है तो उसका भी भाजपा के लोग बढ़-चड़ कर श्रेय लेने की कोशिश कर रह हैं। उन्होंने कहा कि जो सड़कें कुंजवाल के अथक प्रयासों से स्वीकृत हुई हैं उनका वन भूमि हस्तान्तरण के लिये क्षेत्रीय भाजपा विधायक व कार्यकर्ताओं को गम्भीरता से प्रयास करने चाहिए। जबकि एक वर्ष व्यतीत होने के बाद भी एक भी एक भी सड़क की स्वीकृति भूमि हस्तान्तरण नहीं हो पायी। जबकि चार दर्जनों से अधिक मोटर मार्ग की प्रथम चरण की स्वीकृति कांग्रेस सरकार में की जा चुकी थी तथा 50 से अधिक सड़कें पिछली कांग्रेस सरकार में कट चुकी हैं।
उनके डामरीकरण के लिये अब तक कोई बजट अवमुक्त नहीं हो पाया, जबकि मुख्यमंत्री जागेश्वर विधान सभा में एक वर्ष के भीतर 4 बार आ चुके हैं।
सतवाल ने कहा कि भाजपा के विधायक ने निर्वाचित होने के बाद लमगड़ा के चायखान-धारखोला सड़क के लिये छह माह के अन्दर डामरीकरण करने की घोषणा तक कर दी थी। साथ ही कहा कि सत्यों से रालाकोट मोटर मार्ग के डामरीकरण की स्वीकृत धनराशि मिल चुकी है व 02 माह के अन्दर विभाग द्वारा टैन्डर लगा दिया जायेगा। जबकि क्षेत्रीय जनता ने विभाग में जाकर पता किया तो अभी तक इन दोनों सड़कों के डामरीकरण की कोई भी विधिवत स्वीकृति नहीं मिली है।
उन्होंने कहा कि चुने हुए प्रतिनिधियों को संविधान की शपथ लेने के बाद इस तरीके के झूठे बयान देकर जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए। कच्ची सड़कों के डामरीकरण की स्वीकृति अगर तत्काल नहीं मिली तो जागेश्वर विधान सभा के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं सहित स्थानीय जनता को साथ लेकर जन आन्दोलन करने को बाध्य होना पड़ेगा ।
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