CNE SpecialEducationInternationalNationalScienceTop StoriesUttarakhand

किंग कोबरा (नागराज) : जितना शर्मीला उतना ही विषैला, जानिए कितना खतरनाक !

CNE REPORTER (CREATIVE NEWS EXPRESS)

The king cobra :—
सांप का नाम सुनते ही एक सिरहन सी दौड़ पड़ती है और यदि ‘कोबरा’ अथवा ‘किंग कोबरा’ से कभी पाला पड़ जाये तो अच्छे—खासे लोगों की हालत खराब हो जाया करती है। ऐसा हो भी क्यों न, क्योंकि संसार के सबसे विषैले सर्पों की प्रजातियों में किंग कोबरा शामिल है।

उल्लेखनीय है कि बहुत से लोग कोबरा व किंग कोबरा के बीच का अंतर नहीं समझ पाते हैं। वस्तुत: ‘कोबरा’ और ‘किंग कोबरा’ पूरी तरह से अलग— अलग सर्प प्रजातियां होती हैं। एक सवाल यह भी उठता है कि कोबरा प्रजाति से मिलती—जुलती एक प्रजाति को ‘किंग कोबरा’ क्यों कहा जाता है ? इसका जवाब यह है कि इसे किंग इसलिए नहीं कहा जाता यह कोई राजवंश का सर्प है, बल्कि इसलिए कहा जाता है कि, क्योंकि यह अन्य कोबरा सर्पों को अपना भोजन बना लेता है। यह भी बताना चाहेंगे कि ‘किंग कोबरा’ एक नियमित भारतीय कोबरा की तुलना में अधिक लंबा होता है। किंग कोबरा की लंबाई 18 फीट तक हो सकती है, जबकि सामान्य भारतीय कोबरा अधिकतम 07 फीट तक का ही हो सकता है। इस आलेख में हम बात कोबरा की नहीं, बल्कि ‘किंग कोबरा’ की कर रहे हैं। तो चलिए आपको इस विशिष्ट प्रजाति के सर्प के बारे में विस्तार से बताते हैं। हिंदू धर्म में ​भगवान महादेव के गले में रहने वाला पूज्यनीय सर्प वास्तव में यही ‘किंग कोबरा’ होता है। जिसे हिंदू मान्यताओं में पूजने का विधान भी है।

All about king cobra snakes/Interesting facts about the king cobra – नेशनल जू एंड कनवरशेसन बायोलॉजिकल इंस्टीट्यूट की आधिकारिक वेबसाइट में इस सर्प के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध है। रिसर्च के अनुसार निम्न तथ्य ‘किंग कोबरा’ को लेकर महत्वपूर्ण हैं —

⏩ किंग कोबरा का शारीरिक विवरण —

एक पूर्ण विकसित किंग कोबरा पीला, हरा, भूरा या काला होता है। उनके पास आमतौर पर पीले या सफेद क्रॉसबार या शेवरॉन भी होते हैं। पेट रंग में एक समान हो सकता है या सलाखों सा अलंकृत हो सकता है। गला हल्का पीला या क्रीम रंग का होता है। किशोर जेट-ब्लैक होते हैं, शरीर और पूंछ पर पीले या सफेद क्रॉसबार और सिर पर चार समान क्रॉसबार होते हैं। किंग कोबरा को एक भयंकर और आक्रामक सांप माना जाता है और इसकी लंबाई और आकार इसे विस्मयकारी रूप देता है।

किंग कोबरा के दांत घातक नुकीले लगभग 0.5 इंच (8 से 10 मिलीमीटर) लंबे होते हैं। चूंकि वे ऊपरी जबड़े से जुड़े होते हैं, इसलिए उन्हें छोटा होना चाहिए। यदि वे लंबे होते, तो वे उसके मुंह के तल में घुस जाते। सांप के मुंह में वापस झुका हुआ, नुकीले शिकार को पेट के रास्ते पर धकेलने में मदद करते हैं।

⏩ किंग कोबरा का आकार —

किंग कोबरा का औसत आकार 10 से 12 फीट (3 से 3.6 मीटर) होता है, लेकिन यह 18 फीट (5.4 मीटर) तक पहुंच सकता है।

⏩ जानिये कहां होता है इनका वास —

मुख्यत: किंग कोबरा हांगकांग और हैनान सहित उत्तरी भारत, पूर्व से दक्षिणी चीन में रहते हैं। पूरे मलय प्रायद्वीप में दक्षिण और पूर्व से पश्चिमी इंडोनेशिया और फिलीपींस तक इनका वास है। संपूर्ण भारत में भी यह पाये जाते हैं। वे घने या खुले जंगल, बांस के घने, निकटवर्ती कृषि क्षेत्रों और घने मैंग्रोव दलदलों में धाराएं पसंद करते हैं। वे अक्सर धाराओं के पास रहते हैं, जहां तापमान और आर्द्रता अपेक्षाकृत स्थिर होती है। वे अपना लगभग एक चौथाई समय पेड़ों या झाड़ियों में बिताते हैं।

⏩ गजब की दूर दृष्टि और फाइटिंग स्किल —

इसकी दृष्टि अधिकांश सांपों से बेहतर है। लगभग 330 फीट (100 मीटर) दूर एक चलते हुए व्यक्ति को यह देख सकता है। कोबरा की फुफकार अधिकांश सांपों की तुलना में बहुत कम होती है, कुत्ते के गुर्राने की तरह इसकी फुफकार सुनी जाती है। यह श्वासनली में छोटे छिद्रों द्वारा निर्मित होता है।एक प्रतिद्वंद्वी को प्रभावित करने के लिए नर किंग कोबरा कुश्ती का सहारा लेते हैं। दूसरे के सिर को जमीन पर धकेलने वाला मुकाबला जीत जाता है।

⏩ खान—पान व अन्य आदतें —

हालांकि किंग कोबरा नि:संदेह एक बहुत ही खतरनाक सांप है, लेकिन यह तब तक बचना पसंद करता है जब तक कि उसे उकसाया न जाए। अपनी आक्रामक प्रतिष्ठा के बावजूद, किंग कोबरा वास्तव में कई छोटे सांपों की तुलना में बहुत अधिक सतर्क होता है। कोबरा लोगों पर तभी हमला करता है जब उसे घेर लिया जाता है, आत्मरक्षा में या अपने अंडों की रक्षा के लिए। भारत से लेकर इंडोनेशिया तक की अपनी पूरी श्रृंखला में, किंग कोबरा एक वर्ष में पांच से भी कम लोगों की मौत का कारण बनता है, जो उत्तरी अमेरिका में रैटलर्स के कारण होने वाली मौतों का लगभग पांचवां हिस्सा है। खतरे की स्थिति में, ये सांप अपने शरीर के सामने के हिस्से को जमीन से लगभग 03 से 04 फीट (1 से 1.2 मीटर) ऊपर उठा सकते हैं और इस स्थिति में अपने दुश्मन का काफी दूरी तक पीछा करने में सक्षम होते हैं।

⏩ कितना घातक है इसका काटना —

किंग कोबरा के काटने से नुकीले अंगों से जुड़ी ग्रंथियों से जहर निकलता है। किंग कोबरा में कार्डियोटॉक्सिन और सिनौप्टिक न्यूरोटॉक्सीन (Cardiotoxin and Synoptic Neurotoxins) नामक जहर पाया जाता है। इसके डसते ही बॉडी का न्यूरो सिस्टम काम करना बंद कर देता है और कुछ ही देर बाद इंसान को लकवा मार जाता है, आंखों की रोशनी तक चली जाती है। इसका जहर तंत्रिका तंत्र, विशेष रूप से सांस लेने के आवेगों को प्रभावित करते हैं। आधे घंटे में ही इसका जहर किसी भी इंसान की जान ले सकता है। यह इतना खतरनाक है कि कई बार गर्दन कटने के बाद भी यह काट लेता है। किंग कोबरा आमतौर पर अपने आहार को ठंडे खून वाले जानवरों, विशेष रूप से अन्य सांपों तक सीमित रखता है। हालांकि ये मेंढक, छिपकलियां, टिड्डे, चूहे, पक्षी और मछली का भी शिकार करते हैं।

⏩ प्रजनन और विकास —

इनका प्रजनन काल आमतौर पर जनवरी से अप्रैल तक होता है। किंग कोबरा एक बार में 21 से 40 अंडे देते हैं। अंडे की रक्षा के लिए मादा घोंसले के ऊपर रहती है, और नर पास में ही रहता है। ब्रूड केयर अवधि के दौरान, किंग कोबरा मनुष्यों के पास जाने के प्रति बहुत आक्रामक हो जाता है। किंग कोबरा अंडे बसंत और गर्मियों के दौरान पतझड़ में सेते हैं।

⏩ संक्षेप में किंग कोबरा संसार के सबसे लंबे आकार का विषधर सर्प माना जाता है। सांपों की यह प्रजाति दक्षिणपूर्व एशिया एवं भारत के कुछ भागों में खूब पायी जाती है। एशिया के सांपों में यह सर्वाधिक खतरनाक सापों में से एक है। भारत में इसे नागराज के नाम से भी जाना जाता है। यह 06 किलो तक के वजनी हो सकते हैं।

Deepak Manral

DEEPAK MANRAL E-Mail : udeepmanral@gmail.com >> Successful experience of journalism in the field of Daily Hindi News papers & Magazines. (Amar Ujala, Uttaranchal Deep, Pradhan Times Daily, Katyuri Mansarovar, Dharmyudh etc.) >> Career Objective : To broaden my vision by continuous learning & taking up challenging assignments. >> Summary : A total experience of nearly 6 years in the field of desk top publication, Edition & News Reporting Major part had been working with “Amar Ujala” as a News Reporter and later Bureo Chief Bageswar. I have been exposed to both criminal & political Reporting. >> Work Experience : Organization : Ms Amar Ujala publication ltd. Worked as a News Reporter with this reputed Hindi Newspaper wherein exposed to both criminal & Political reporting while being attached to their various offices at Haldwani, Almora, Ranikhet & Bageshwar Duration : 6 Years (Jan 2001 to May 2006) Organization : M/s Katyuri Prakashan (A family owned publication house taking out Quarterly magazines namely ‘Katyuri Mansarovar’ & ‘Dharmyudh’. >> Key Performance Areas Editing of the articles being received from various sources. Handling all related correspondences. Freelance writing in various News Papers : 3 Years (2009 to 2011) Ms Uttaranchal Deep Hindi Daily >> Duration : 7 Years (2012 to 2018) >> Key performance Areas Covered criminal reporting while based at Haldwani. Covered political reporting while based at Almora Office. Was responsible for mainly editing job while based at Ranikhet & Subsequently at Bagheswar office. >> Academic Qualification : M.A. (Hindi) from Kumaun University in 1999. 6 Monts computer Course from JCTI, New Delhi. B.A. From Delhi University in 1996 12th from CBSE, Delhi in 1993 >> Technical Expertise : Proficiency in DTP. Proficient in Page Maker & Coral Draw. Good Knowledge of English & Hindi typesetting. Hardcore Knowledge of composing & editing. >> Personal Profile : Date of Birth : 13th Nov, 1974 Father’s Name : Late Mr. Balwant Manral >> Communication Address : Manral Sadan, Narsing Bari, Almora (Uttarakhand) 263601

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Back to top button
किचन गार्डन में जरूर लगाएं ये पौधे, सेहत के लिए भी फायदेमंद Uttarakhand : 6 PCS अधिकारियों के तबादले शाहरूख खान की फिल्म डंकी 100 करोड़ के क्लब में शामिल हिमाचल में वर्षा, बर्फबारी होने से बढ़ी सर्दी Uttarakhand Job : UKSSSC ने निकाली 229 पदों पर भर्ती